छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को रोकने और प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्री तम्रध्वज साहू ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार की नई रणनीतियों का खुलासा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि नक्सल विरोधी अभियान पूरे राज्य में पहले की तरह सक्रिय रहेगा और इसे और भी प्रभावी बनाने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं। गृह मंत्री के अनुसार, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सशस्त्र अभियान के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा। राज्य सरकार का मानना है कि केवल सुरक्षा बलों की कार्रवाई ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि नक्सल प्रभावित इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और जल जैसे बुनियादी ढांचे का विकास भी जरूरी है।
आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना
नक्सलियों के लिए सरकार ने विशेष आत्मसमर्पण और पुनर्वास योजना 2025 बनाई है। इस योजना के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा और आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, उन्हें रोजगार, प्रशिक्षण और पुनर्वास के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि यह योजना न केवल नक्सलियों को हिंसा छोड़ने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों में विकास और शांति बनाए रखने में भी मदद करेगी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों के सहयोग से अपने जीवन को नया रूप दे सकते हैं।
सुरक्षा बलों की तैयारियाँ और संचालन
नक्सल विरोधी अभियान के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा बल और विशेष टास्क फोर्स की संयुक्त रणनीति बनाई गई है। सुरक्षा बलों को उन्नत तकनीक, आधुनिक हथियार और विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इसके साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा चौकियों, ड्रोन निगरानी और पब्लिक इंटेलिजेंस नेटवर्क को सक्रिय किया गया है। नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तकनीकी और मानव संसाधनों का मिश्रण इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में स्थानीय युवाओं को भी सुरक्षा अभियान में शामिल किया गया है ताकि जमीन स्तर पर समुदाय और सुरक्षा बलों के बीच सहयोग बढ़ सके।
सामाजिक और आर्थिक विकास पहल
सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण सड़क और जल परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है। शिक्षा केंद्र और कौशल विकास कार्यक्रम युवाओं को नक्सलवाद से दूर रखने में मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही, स्थानीय महिला समूहों और कारीगरों के लिए आर्थिक विकास योजना बनाई गई है, जिससे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।गृह मंत्री ने बताया कि विकास परियोजनाओं और सुरक्षा अभियान को एक साथ चलाने से नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी बदलाव लाना संभव होगा। नक्सलियों को विकल्प देने के लिए सामुदायिक कार्यक्रम, जागरूकता अभियान और विकास परियोजनाएँ संचालित की जा रही हैं।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि सुरक्षा बलों की निगरानी बढ़ाई गई है। ड्रोन, कैमरा और स्मार्ट निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल नक्सल गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है। स्थानीय पुलिस स्टेशन और टास्क फोर्स के बीच रीयल टाइम कम्युनिकेशन नेटवर्क भी स्थापित किया गया है।इसके अलावा, नक्सल प्रभावित गांवों में स्थानीय लोगों को सुरक्षा और विकास गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है। इससे समुदाय और प्रशासन के बीच विश्वास बढ़ रहा है और नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण और विकास विकल्प और अधिक आकर्षक बन रहे हैं।








