चीन की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा स्तंभ माने जाने वाला रियल एस्टेट सेक्टर इस समय अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। हाल के आँकड़ों के अनुसार, देश में मकानों की बिक्री 42% तक गिर चुकी है, और सरकारी सहायता योजनाएँ भी बाजार को संभालने में नाकाम साबित हो रही हैं। यह गिरावट चीन की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाल रही है, जिसे अक्सर “विकास का इंजन” कहा जाता है।
चीन के प्रॉपर्टी सेक्टर की हालत गंभीर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2025 के शुरुआती महीनों में चीन के प्रमुख शहरों जैसे बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझू और शेनझेन में नई प्रॉपर्टी की बिक्री में 42% तक की कमी दर्ज की गई है। रियल एस्टेट रिसर्च फर्म China Index Academy के अनुसार, यह पिछले एक दशक की सबसे बड़ी गिरावट है। बाजार में यह सुस्ती केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है — छोटे और मिड-लेवल शहरों में भी मकानों की डिमांड घट गई है। डेवलपर्स नए प्रोजेक्ट्स को रोक रहे हैं, और खरीदार निवेश से पीछे हट रहे हैं।
सरकारी राहत उपायों का सीमित असर
चीनी सरकार ने प्रॉपर्टी सेक्टर को स्थिर करने के लिए ब्याज दरों में कटौती, होम लोन पर सब्सिडी, और डेवलपर्स को राहत पैकेज जैसी योजनाएँ शुरू की थीं लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों में अब भी आर्थिक अनिश्चितता और रोजगार की चिंता बनी हुई है, जिससे घर खरीदने की इच्छा कमजोर पड़ रही है। चीन के केंद्रीय बैंक ने भी कहा है कि, “हम आवास बाजार में स्थिरता लाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन लोगों का भरोसा लौटाना चुनौती बना हुआ है।”
प्रमुख कंपनियाँ संकट में
प्रसिद्ध डेवलपर्स जैसे Evergrande, Country Garden, और Sunac China Holdings जैसी कंपनियाँ भारी कर्ज़ के बोझ से दब चुकी हैं। Evergrande की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि कई अधूरे प्रोजेक्ट्स को छोड़ना पड़ा। वहीं Country Garden ने भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने कई प्रोजेक्ट्स पर रोक लगा दी है। इन कंपनियों की वित्तीय हालत ने बैंकों और निवेशकों में भी विश्वास संकट पैदा कर दिया है। नतीजा यह हुआ कि नई प्रॉपर्टी में निवेश लगभग ठप हो गया है।
खरीदारों का भरोसा क्यों टूटा?
विश्लेषकों का मानना है कि महामारी के बाद चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार तो हुआ, लेकिन लोगों की आमदनी नहीं बढ़ी, और नौकरियों की स्थिरता भी नहीं लौटी। ऐसे में लोग दीर्घकालिक निवेश, जैसे मकान खरीदने से बच रहे हैं।साथ ही, अधूरे प्रोजेक्ट्स और डेवलपर्स की दिवालिया स्थिति ने आम नागरिकों के मन में यह डर बैठा दिया है कि उनका पैसा सुरक्षित नहीं रहेगा।
अंतरराष्ट्रीय असर और चेतावनी संकेत
चीन का रियल एस्टेट बाजार वैश्विक अर्थव्यवस्था से गहराई से जुड़ा है। इस सेक्टर में मंदी का असर एशिया और यूरोप के वित्तीय बाजारों पर भी देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति लंबी चली, तो चीन के GDP ग्रोथ पर 1.5% तक की गिरावट आ सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी हाल में चेतावनी दी थी कि, “यदि चीन अपने रियल एस्टेट सेक्टर को स्थिर नहीं कर पाया, तो यह वैश्विक मंदी को और गहरा सकता है।”
भविष्य की राह: क्या होगा समाधान?
सरकार अब रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने की दिशा में काम कर रही है। साथ ही, सस्ते मकानों की योजना (Affordable Housing Policy) पर भी फोकस बढ़ाया जा रहा है ताकि सामान्य वर्ग के लोगों को राहत मिल सके। हालाँकि, विशेषज्ञों का मानना है कि चीन को अब दीर्घकालिक नीति सुधारों की जरूरत है, न कि केवल अस्थायी आर्थिक पैकेजों की।








