भारत की राजनीति में अब सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स सबसे बड़ा हथियार बन चुके हैं। कांग्रेस पार्टी ने 2025 के चुनावी मौसम को देखते हुए अपनी नई डिजिटल कैंपेन रणनीति शुरू की है। इसका लक्ष्य है – युवाओं से सीधा जुड़ना और उन्हें पार्टी की विचारधारा से जोड़ना।
कांग्रेस का डिजिटल फोकस
कांग्रेस ने युवाओं के लिए स्पेशल कैंपेन शुरू किया है।
फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स (Twitter) पर पार्टी एक्टिव हो गई है।
युवाओं की पसंद को ध्यान में रखकर शॉर्ट वीडियो, पॉडकास्ट और मीम्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। डिजिटल टीम में युवा नेताओं और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को भी शामिल किया गया है।
युवाओं को लुभाने की रणनीति
बेरोज़गारी, शिक्षा और स्टार्टअप फंडिंग जैसे मुद्दों पर विशेष कैंपेन चलाए जा रहे हैं।
कांग्रेस का दावा है कि युवाओं की नौकरी और रोजगार से जुड़ी समस्याओं को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी।
डिजिटल टाउन हॉल और ऑनलाइन लाइव इंटरैक्शन के जरिए नेताओं और युवाओं के बीच सीधा संवाद हो रहा है।
भाजपा से डिजिटल मुकाबला
भाजपा पहले से ही डिजिटल प्रचार में माहिर मानी जाती है।
कांग्रेस की कोशिश है कि वह युवाओं को विकल्प और बदलाव का मैसेज दे।
दोनों पार्टियों के बीच अब ग्राउंड लेवल प्रचार से ज्यादा डिजिटल प्रचार में टक्कर देखने को मिल रही है।
सोशल मीडिया की ताकत
भारत में 75 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स हैं, जिनमें से आधे युवा हैं। 2025 का चुनाव काफी हद तक डिजिटल कैंपेन की सफलता या असफलता पर निर्भर कर सकता है।
कांग्रेस का मानना है कि सोशल मीडिया पर मजबूत उपस्थिति से वह युवाओं का वोट बैंक बढ़ा सकती है।
निष्कर्ष
कांग्रेस का यह नया डिजिटल कैंपेन उसकी चुनावी रणनीति में बड़ा बदलाव है। पार्टी अब युवाओं को केवल रैलियों और पोस्टरों से नहीं, बल्कि सीधे उनके मोबाइल स्क्रीन पर पकड़ना चाहती है। अगर यह रणनीति सफल रही, तो 2025 का चुनावी समीकरण पूरी तरह बदल सकता है।