Delhi-NCR में सर्दियों की शुरुआत के साथ ही हवा में ज़हर घुलने लगा है। हर साल की तरह इस बार भी प्रदूषण का स्तर तेज़ी से बढ़ रहा है। सरकार और पर्यावरण एजेंसियाँ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, जबकि लोगों में सांस लेने में परेशानी और धुंध की शिकायतें बढ़ रही हैं।
राजधानी में फिर बिगड़ी हवा की स्थिति
Delhi की हवा एक बार फिर से “खराब श्रेणी” में पहुँच गई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, रविवार सुबह दिल्ली का AQI 287 दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है।
कहाँ सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज हुआ?
आनंद विहार, वजीरपुर और बवाना जैसे औद्योगिक इलाकों में AQI 320 से अधिक दर्ज किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार, पराली जलाने, वाहनों के धुएं और ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है।
सरकार ने लागू किया GRAP का पहला चरण
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण लागू कर दिया है।
इसके तहत –
- सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव
- निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण
- डीज़ल वाहनों की जांच
- और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में हवा की गुणवत्ता और खराब हो सकती है। उन्होंने लोगों को N95 मास्क पहनने, सुबह की सैर से बचने और घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
स्कूलों और ऑफिसों के लिए नई अपील
सरकार ने स्कूलों और दफ्तरों से कहा है कि वे कारपूलिंग, वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन क्लासेस जैसे विकल्पों को अपनाएँ ताकि वाहनों की संख्या घटाई जा सके। दिल्ली में प्रदूषण का यह संकट हर साल सर्दी की शुरुआत में देखा जाता है। इस बार प्रशासन के शुरुआती कदमों से उम्मीद है कि हवा की गुणवत्ता में सुधार जल्द देखने को मिलेगा।