दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए लगभग ₹42 करोड़ मूल्य की हाई-पोटेंसी “OG Weed” (उच्च गुणवत्ता की गांजा प्रजाति) बरामद की है। इस कार्रवाई में पुलिस ने पूर्व कस्टम्स अधिकारी सहित कई तस्करों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि यह सिंडिकेट भारत, कनाडा और थाईलैंड के नेटवर्क से जुड़ा हुआ था।
अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क का खुलासा
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (क्राइम) रविंदर यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह ड्रग रैकेट ऑनलाइन क्रिप्टो लेनदेन और डार्क वेब चैनलों के माध्यम से संचालित हो रहा था।तस्कर “OG Weed” नामक हाई-पोटेंसी कैनबिस को कूरियर और कार्गो शिपमेंट्स के जरिए देश में मंगवाते थे। पुलिस को इस गिरोह की गतिविधियों का सुराग दक्षिण दिल्ली के साकेत और द्वारका इलाके से मिला, जिसके बाद तीन सप्ताह की निगरानी के बाद यह बड़ी कार्रवाई की गई।
पूर्व कस्टम अधिकारी का नाम सामने आया
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक पूर्व कस्टम्स अधिकारी भी शामिल है, जिसने अपने पुराने पद का दुरुपयोग करते हुए सीमा शुल्क जांच से बचाने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए थे। उसकी मदद से ये लोग विदेश से मादक पदार्थों के पार्सल बिना पकड़े भारत लाने में सफल हो रहे थे। “यह गिरोह बेहद संगठित तरीके से काम कर रहा था। इसमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। अब तक ₹42 करोड़ मूल्य का OG Weed जब्त किया गया है,”
— रविंदर यादव, विशेष आयुक्त (क्राइम), दिल्ली पुलिस
कैसे होती थी तस्करी?
पुलिस की जांच से पता चला है कि यह ड्रग्स कनाडा और थाईलैंड से ई-कॉमर्स पैकेज की तरह भेजे जाते थे, जिन पर नकली लेबल लगाए जाते थे। ड्रग्स को लक्ज़री बैग्स, गिफ्ट आइटम्स और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के भीतर छिपाया जाता था। भारत पहुंचने के बाद इन्हें दिल्ली, मुंबई, गोवा और बेंगलुरु जैसे शहरों में बेच दिया जाता था।
क्रिप्टोकरेंसी में होता था लेनदेन
लेनदेन के लिए आरोपी Bitcoin और USDT (Tether) जैसी क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करते थे ताकि पुलिस को धन के स्रोत का पता न चल सके। क्राइम ब्रांच ने उनकी डिजिटल वॉलेट ट्रांजैक्शन हिस्ट्री को भी जांच में शामिल किया है।
विदेशी कनेक्शन और NCB की भूमिका
पुलिस ने बताया कि यह गिरोह थाईलैंड और कनाडा के ड्रग माफियाओं से जुड़ा हुआ था। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और इंटरपोल की मदद से अब इनके विदेशी नेटवर्क की जांच शुरू हो चुकी है।
आरोपियों पर लगेंगे सख्त प्रावधान
गिरफ्तार सभी आरोपियों पर NDPS Act (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act), 1985 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। यदि दोषी पाए गए, तो इन्हें 20 साल तक की सजा और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
दिल्ली में ड्रग ट्रैफिकिंग पर बढ़ी सख्ती
हाल के महीनों में दिल्ली पुलिस ने कई अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट्स का भंडाफोड़ किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि मेट्रो शहरों में बढ़ती ऑनलाइन ड्रग डिलीवरी चैनल्स पर निगरानी बढ़ाना अब बेहद जरूरी है। पुलिस ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे सोशल मीडिया या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर संदिग्ध लिंक या ऑफर से सावधान रहें।

 
                                    







