दिवाली के नजदीक आते ही देश के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) की रिपोर्ट के अनुसार, 21 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई शहरों में “खराब” या “बहुत खराब” श्रेणी में जा सकता है। दिल्ली, मुंबई, पुणे, लखनऊ और पटना जैसे शहरों में धूल, धुआं और पटाखों के धुएं से प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना अधिक बढ़ने की चेतावनी दी गई है।
त्योहार की रोशनी में छिपा धुएं का खतरा
दिवाली का त्योहार खुशियों और रौशनी का प्रतीक है, लेकिन हर साल इसके बाद प्रदूषण का कहर भी देखने को मिलता है। इस वर्ष भी विशेषज्ञों ने चेताया है कि दिवाली के दौरान जलाए जाने वाले पटाखों, बढ़ते वाहनों की आवाजाही और धूल प्रदूषण से हवा की गुणवत्ता और खराब हो सकती है।दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में AQI 300 से ऊपर पहुंचने की संभावना है, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है।
IITM की रिपोर्ट: पुणे में प्रदूषण 21 अक्टूबर को चरम पर
भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) की रिपोर्ट के अनुसार, पुणे, मुंबई और नागपुर जैसे शहरों में दिवाली के दौरान प्रदूषण का स्तर सामान्य से 3 गुना तक बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस अवधि में तापमान में गिरावट और हवाओं की गति धीमी होने से प्रदूषक कण वातावरण में फंस जाते हैं, जिससे सांस लेने में कठिनाई और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
वाहनों और पटाखों से बढ़ेगी हवा में जहर की मात्रा
त्योहारी सीजन में सड़क पर वाहनों की संख्या बढ़ जाती है। इसके साथ ही पटाखों से निकलने वाला कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड वायु गुणवत्ता को और खराब करते हैं। विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर इस पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में दिल्ली, लखनऊ और कोलकाता में स्मॉग की स्थिति बन सकती है।
सरकार और नागरिकों से अपील: ग्रीन दिवाली मनाएं
केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों से ग्रीन दिवाली मनाने की अपील की है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पहले से ही पटाखों पर आंशिक प्रतिबंध लागू है। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को पटाखों की जगह दीये और लाइट्स का इस्तेमाल कर त्योहार मनाना चाहिए। साथ ही, वाहनों का कम उपयोग और पेड़-पौधे लगाने जैसी आदतें अपनाने से प्रदूषण में कमी लाई जा सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
AIIMS और सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा है कि इस मौसम में दम, खांसी, एलर्जी और सांस की तकलीफ के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ जाती है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि बच्चे, बुजुर्ग और हृदय रोगी लोग इस दौरान बाहरी गतिविधियों को सीमित करें और N95 मास्क का प्रयोग करें।








