रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने देश की समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करते हुए नयी पीढ़ी के ‘मैन-पोर्टेबल ऑटोनोमस अंडरवॉटर व्हीकल’ (AUV) सफलतापूर्वक विकसित कर लिए हैं। ये अत्याधुनिक अंडरवॉटर सिस्टम हल्के, कॉम्पैक्ट और पोर्टेबल हैं, जिन्हें एक ही सैनिक आसानी से तैनात कर सकता है।
इन नए AUVs में हाई-रिज़ॉल्यूशन सोनार, स्वायत्त नेविगेशन, रियल-टाइम डेटा ट्रांसमिशन और मिशन-मोड ऑपरेशन जैसी क्षमताएं शामिल हैं। इन्हें समुद्री निगरानी, माइंस डिटेक्शन, रिकॉनिसेंस, कोस्टल सिक्योरिटी और समुद्री सीमाओं की निगरानी जैसे मिशनों के लिए तैयार किया गया है।
DRDO का कहना है कि इस प्लेटफॉर्म का डिजाइनभारतीय नौसेना की भविष्य की ऑपरेशनल जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। आने वाले महीनों में इसके फील्ड-ट्रायल और बड़े स्तर पर उत्पादन की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है। इन AUVs के शामिल होने से भारत की अंडरवॉटर वारफेयर और मैरिटाइम डोमेन अवेयरनेस क्षमता में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी।








