दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 से पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम आदेश जारी किया है। अदालत ने साफ कर दिया है कि 19 सितंबर को चुनाव नतीजों के बाद किसी भी उम्मीदवार या छात्र संगठन द्वारा विजय जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा। यह आदेश छात्र राजनीति से जुड़े हंगामों और संभावित अव्यवस्था को रोकने के लिए दिया गया है।
कब होंगे DUSU चुनाव?
दिल्ली यूनिवर्सिटी में 18 सितंबर को वोटिंग होगी और 19 सितंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। इससे पहले 17 सितंबर को ही कैंपेनिंग का शोर थम चुका है। छात्र संगठनों ने अपने उम्मीदवारों के लिए जमकर प्रचार-प्रसार किया, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद जश्न मनाने की परंपरा पर रोक लग गई है।
कोर्ट का सख्त रुख
दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच—मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला—ने कहा कि अदालत चुनाव की प्रक्रिया में दखल नहीं दे रही। लेकिन अगर चुनाव शांतिपूर्ण और संतोषजनक तरीके से नहीं हुए, तो नवनिर्वाचित छात्र संघ पदाधिकारियों के कामकाज पर भी रोक लगाई जा सकती है।
इसके साथ ही अदालत ने दिल्ली पुलिस और चुनाव अधिकारी की रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया और साफ कहा कि सुरक्षा और नियमों का उल्लंघन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा।
दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश क्या कहता है?
- चुनाव नतीजों के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा।
- दिल्ली पुलिस और DU प्रशासन को चुनाव के दौरान शांति बनाए रखने के लिए पूरी जिम्मेदारी निभानी होगी।
- किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कड़े और स्वीकार्य कदम उठाने होंगे।
कैंपस में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
डूसू चुनाव को देखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी गई है।
- अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
- संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त CCTV कैमरे लगाए गए हैं।
- ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों को 160 बॉडी-वॉर्न कैमरे उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि चुनाव प्रक्रिया पर रियल-टाइम निगरानी रखी जा सके।