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इन चीजों को खाने से खंडित हो सकता है रमा एकादशी का व्रत, जानें क्या खाएं और क्या नहीं?

रमा एकादशी का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। एकादशी प्रति माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक के सभी पापों का नाश होता है तो आइए इस दिन  क्या खान चाहिए और क्या नहीं जानते हैं।

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  1. एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना गया है।
  2. एकादशी व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है।
  3. एकादशी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है।

हिंदुओं में एकादशी व्रत का बड़ा धार्मिक महत्व है, जो हर महीने में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस बार कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी मनाई जाएगी, जिसका महत्व कार्तिक माह में पड़ने की वजह से बहुत बढ़ गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा से जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा,

रमा एकादशी व्रत के पावन दिन पर साधक दूध, दही, फल, शरबत, साबुदाना, बादाम, नारियल, शकरकंद, आलू, मिर्च सेंधा नमक, राजगीर का आटा आदि का सेवन कर सकते हैं। व्रती इस बात का खास ख्याल रखें कि के बाद ही कुछ ग्रहण करें। साथ ही प्रसाद बनाते समय पवित्रता का खास ख्याल रखें, जिससे व्रत में किसी प्रकार की दिक्कत न आए।
जो साधक  रख रहे हैं, उन्हें अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि यह व्रत को सफल और असफल बनाने में अहम भूमिक निभाता है और इससे व्रत खंडित भी हो सकता है। ऐसे में व्रती को एकादशी के शुभ अवसर पर अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस मौके पर तामसिक भोजन जैस- मांस-मदिरा प्याज, लहसुन आदि से भी दूर रहना चाहिए।

 

वहीं, इस तिथि पर चावल और नमक का सेवन पूर्णत: वर्जित माना गया है। अगर कोई व्रत न भी कर रहा हो, तो उसे इन चीजों के सेवन से बचना चाहिए। 

भगवान विष्णु को भोग लगाते समय इस मंत्र ”त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।” का जाप करें।

 

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