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Tuesday, March 18, 2025

सिर्फ 6 मिनट में फुल चार्ज हो जाएगी इलेक्ट्रिक कार, Tesla के पास भी नहीं ये तकनीक

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इलेक्ट्रिक कारों को फुल चार्ज होने में तकरीबन 3 से 4 घंटे तक का समय लगता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब इलेक्ट्रिक कार महज 5 मिनट में फुल चार्ज हो जाएगी। दरअसल, चीन की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी BYD ने अपने नए सुपर ई-प्लेटफार्म 1000 का एलान किया है। यह प्लेटफार्म 1,000 किलोवाट (1 मेगावाट) चार्जिंग स्पीड को सपोर्ट करता है, जो अब तक की सबसे तेज चार्जिंग स्पीड है। इस तकनीक का फायदा यह है कि केवल 5 मिनट इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने पर 400 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है। यानी हर एक सेकेंड कार को चार्ज करने पर 1 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज मिलेगी। आइए जानते हैं कि BYD की सुपर ई-प्लेटफार्म कैसे काम करता है और इसके फीचर्स क्या है?

BYD की सुपर ई-प्लेटफार्म की खूबियां

  1. तेज चार्जिंग स्पीड: BYD की तरफ से पेश की गई सुपर ई-प्लेटफार्म 1,000 किलोवाट चार्जिंग स्पीड देता है, जो Tesla के 500 किलोवाट चार्जिंग स्पीड से दोगुना है। इसकी वजह से लोगों को चार्जिंग स्टेशनों पर उतना ही समय बिताना पड़ेगा, जितना उन्हें ICE वाली कारों में पेट्रोल-डीजल भरवाने में लगता है।
  2. ब्लेड बैटरी तकनीक: इसमें BYD की ब्लेड बैटरी का इस्तेमाल किया गया है, जो फास्ट आयन ट्रांसफर और कम रेजिस्टेंस के कारण ज्यादा तेज चार्जिंग देती है। इस बैटरी की खुबी यह है कि यह 10C चार्जिंग मल्टीप्लायर को सपोर्ट करती है, जिसका मतलब है कि बैटरी को केवल 6 मिनट में पूरी तरह से चार्ज हो सकती है।
  3. नई EV मॉडल्स: इस नए सुपर ई-प्लेटफार्म को सबसे पहले BYD के दो नए EV मॉडल्स, Han L सेडान और Tang L SUV (BYD Electric cars) को चार्ज करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इन गाड़ियों की प्री-सेल्स चीन में शुरू हो गए हैं, जिन्हें अप्रैल 2025 के आसपास लॉन्च किया जाएगा।
  4. चीन में फास्ट चार्जिंग नेटवर्क: BYD चीन में 4,000 से ज्यादा  सुपर-फास्ट चार्जिंग यूनिट्स को स्थापित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जो इस नए प्लेटफार्म को सपोर्ट करेंगे। कंपनी यह भी योजना बना रही है कि इन चार्जिंग यूनिट्स के साथ एनर्जी स्टोरेज सुविधाओं को भी जोड़ा जाएगा।

ग्लोबल बाजार पर असर

BYD का सुपर ई-प्लेटफार्म न केवल चीन बल्कि ग्लोबल इलेक्ट्रिक कार बाजार के लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। ग्लोबल बाजार इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने की चिंता कम होगी और यह Tesla जैसी कंपनियों को चुनौती दे सकता है, खासकर चार्जिंग स्पीड के मामले में।

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