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Wednesday, January 15, 2025

EPFO: पेशनधारकों को सरकार का बड़ा तोहफा, सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम शुरू; पढ़ें क्या होगा फायदा

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन पेंशन सेवाओं के तहत केंद्रीयकृति पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) शत-प्रतिशत कामयाबी के साथ पूरे देश में लागू हो गई है। पेंशन भुगतान सेवाओं की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ईपीएफओ ने दिसंबर 2024 में कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत ईपीएफओ के सभी 122 पेंशन वितरण क्षेत्रीय कार्यालयों से संबंधित 68 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को एक साथ पेंशन का खाते में भुगतान कर दिया है।

इसमें पेंशन धारकों को 1570 करोड़ रुपये की पेंशन राशि हस्तांतरित की गई है। ईपीएफओ पेंशन की नई प्रणाली के कामयाब होने की घोषणा करते हुए केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली का पूर्ण कार्यान्वयन एक मील का पत्थर है। ईपीएफओ की यह परिवर्तनकारी पहल पेंशनभोगियों को देश में कहीं भी किसी भी बैंक और शाखा से अपनी पेंशन हासिल करने में सक्षम बनाता है। इसमें भौतिक सत्यापन के लिए पेंशनभोगियों के आने-जाने की आवश्यकता नहीं और पेंशन वितरण प्रक्रिया सरल है।

मंडाविया ने कहा कि ईपीएफओ सेवाओं को आधुनिक बनाने और पेंशनभोगियों के लिए सुविधा, पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता का सीपीपीएस प्रमाण है। पेंशन भुगतान की दिशा में इसके जरिए हम नया मानदंड स्थापित कर रहे हैं।  मालूम हो कि सीपीपीएस का पहला पायलट अक्टूबर 2024 में करनाल, जम्मू और श्रीनगर क्षेत्रीय कार्यालयों में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। इसमें 49,000 से अधिक पेंशनभोगियों को लगभग 11 करोड़ रुपए पेंशन का भुगतान किया गया।

दूसरा पायलट नवंबर 2024 में 24 क्षेत्रीय कार्यालयों में शुरू हुआ जिसमें 9.3 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को 213 करोड़ रुपए पेंशन वितरित हुए। सीपीपीएस के तहत ईपीएफओ का प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय केवल 3-4 बैंकों के साथ अलग-अलग समझौते करता है। इसमें पेंशनभोगी किसी भी बैंक से पेंशन ले सकेगा बल्कि पेंशन शुरू होने के समय किसी भी सत्यापन के लिए उसे बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होगी और पेंशन जारी होते ही तुरंत जमा हो जाएगी।

जनवरी 2025 से सीपीपीएस पूरे देश में पेंशन का वितरण सुनिश्चित करेगी जिसमें पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित करने की आवश्यकता नहीं होगी। भले ही पेंशनभोगी एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाएं या अपना बैंक या शाखा बदल लें। रिटायरमेंट के बाद अपने गृहनगर चले जाने वाले पेंशनभोगियों को इससे बड़ी सहूलियत होगी।

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