पिछले कुछ हफ्तों से शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी में आई गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। इसी बीच सोने की मांग तेजी से बढ़ रही है।
निवेशकों की रणनीति
विशेषज्ञों का कहना है कि जब शेयर बाजार अस्थिर होता है, तो निवेशक अपनी पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए सोने की ओर रुख करते हैं। इस समय भी वही हो रहा है। 2025 में गोल्ड की कीमतों में 12% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि शेयर बाजार कई बार लाल निशान में रहा।
सरकार पर असर
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोना आयातक देश है। बढ़ती मांग से सरकार का आयात बिल बढ़ सकता है, जिसका असर चालू खाते के घाटे (CAD) पर पड़ेगा। यह आर्थिक नीति निर्माताओं के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
आम जनता और त्योहारों का मौसम
त्योहारों के सीजन में सोने की मांग और ज्यादा बढ़ सकती है। शादी-ब्याह के मौसम को देखते हुए ज्वैलर्स का कहना है कि इस बार सोने की कीमतें और रिकॉर्ड तोड़ सकती हैं।
निष्कर्ष
2025 में निवेशक एक बार फिर गोल्ड को Safe Haven Asset मान रहे हैं। शेयर बाजार की अस्थिरता और ग्लोबल मंदी की आशंकाओं के बीच, सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प बनकर उभरा है।