हैदराबाद में साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका अपनाते हुए कई निजी कंपनियों के कर्मचारियों को निशाना बनाया। पुलिस के अनुसार, एक नकली स्टॉक ट्रेडिंग ऐप के जरिए कर्मचारियों से लगभग ₹4 करोड़ की ठगी की गई है।
कैसे हुआ फ्रॉड?
साइबर ठगों ने पीड़ितों को एक फर्जी मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए राजी किया, जिसे उन्होंने असली स्टॉक ट्रेडिंग ऐप जैसा ही दिखाया। ऐप में शुरुआती निवेश पर अच्छे मुनाफे दिखाए गए, जिससे लोग बड़े पैमाने पर पैसा लगाने लगे। जब निवेशकों ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की तो ऐप अचानक काम करना बंद कर दिया।
किन्हें बनाया निशाना?
पीड़ितों में ज्यादातर आईटी कंपनियों और प्राइवेट फर्मों के कर्मचारी शामिल हैं। कई लोगों ने अपनी सालों की बचत इस नकली ऐप में लगा दी।
पुलिस की कार्रवाई
हैदराबाद साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में पता चला है कि यह गिरोह देश के बाहर से ऑपरेट कर रहा था। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अज्ञात ऐप या लिंक पर भरोसा न करें और केवल आधिकारिक प्लेटफॉर्म पर ही निवेश करें।
आम लोगों को चेतावनी
अनजाने ऐप डाउनलोड न करें।
च्च रिटर्न के लालच से बचें।
निवेश से पहले हमेशा SEBI अथवा मान्यता प्राप्त प्लेटफॉर्म से ऐप/कंपनी की जांच करें।
विशेषज्ञों की राय
साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों का कहना है कि यह ठगी का पैटर्न अब बड़े शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक फैल रहा है। डिजिटल फाइनेंस के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही धोखाधड़ी के नए तरीके सामने आ रहे हैं।
निष्कर्ष
हैदराबाद में ₹4 करोड़ का यह साइबर फ्रॉड इस बात का सबूत है कि ऑनलाइन निवेश करते समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है। छोटी सी लापरवाही लोगों की सालों की कमाई छीन सकती है।