मिनरल्स शरीर के लिए एक बहुत ही जरूरी पोषक तत्व हैं, जो हड्डियों, मांसपेशियों और नर्व फंक्शन को सही रखते हैं। इसके साथ ही मिनरल्स शरीर की इम्युनिटी में सुधार कर, हार्मोन रेगुलेशन, और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में में भी अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। हमारे शरीर में मिनरल्स की कमी तब होती है जब हमारे नियमित आहार से भरपूर मात्रा में ये हमें नहीं मिल पाता या फिर हमारा शरीर इन्हें सही तरीके से एब्जॉर्ब नहीं कर पाता।
ऐसे में मिनरल्स की कमी के कुछ लक्षण ऐसे हैं, जो हमारे शरीर में दिखाई पड़ने लगते हैं, जिन्हें कभी भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। हां ये बात और है कि हमें, इनके लक्षणों की जानकारी नहीं होती और हम इन्हें अनदेखा कर देते हैं, लेकिन ऐसा करने से समस्या और बढ़ सकती है। आइए जानते हैं कि शरीर के लिए जरूरी मिनरल्स कौन से हैं और इनकी कमी के लक्षण कौन से हैं।
- शरीर के लिए जरूरी मिनरल्स हैं- कैल्शियम (हड्डियों के लिए), आयरन (खून के लिए), मैग्नीशियम (मांसपेशियों के लिए), जिंक (इम्यून सिस्टम), पोटेशियम (दिल का स्वास्थ्य), और सोडियम (इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस) के लिए जरूरी है। आयरन और मैग्नीशियम की कमी से शरीर में एनर्जी प्रोडक्शन कम होता है, जिससे हमेशा थकावट महसूस होती है।
पोटैशियम और मैग्नीशियम की कमी से मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द हो सकता है।
जिंक और आयरन की कमी बालों को कमजोर कर देती है, जिससे बाल तेजी से झड़ने लगते हैं।
जिंक और सेलेनियम की कमी त्वचा को डल और बेजान बना सकती है।
जिंक की कमी से चोट या घाव जल्दी ठीक नहीं होते।
मैग्नीशियम और पोटैशियम की कमी से कब्ज या अपच की समस्या हो सकती है।
आयरन और जिंक की कमी से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। जिससे इम्यून पॉवर कमजोर पड़ने लगता है।
मैग्नीशियम और सेलेनियम की कमी मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। जिससे मूड स्विंग और स्ट्रेस होने लगता है।
पोटैशियम की कमी से हार्टबीट अनियमित हो सकती है। जिससे दिल की धड़कने असामान्य हो जाती हैं।
जिंक की कमी से भूख कम हो सकती है या स्वाद बदल सकता है।
इन लक्षणों को दूर करने के लिए हरी सब्जियां, नट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, और फलों को डाइट में शामिल करें।
मिनरल्स सप्लिमेंट्स का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें।