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Tuesday, December 2, 2025

इमरान खान को बहन उजमा से मिलने की मिली इजाजत, पूरे पाकिस्तान से रावलपिंडी पहुंचे हैं समर्थक

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पाकिस्तान में इस वक्त इमरान खान की सेहत को लेकर जबरदस्त अफरा-तफरी मची हुई है। अडियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मंगलवार को उनकी बहन उज्मा खान को मिलने की इजाजत मिल गई। अडियाला जेल के बाहर मचे भारी बवाल के बीच उज्मा खान को जेल के अंदर बुलाया गया। इमरान की दूसरी बहनें भी सुबह 11:30 बजे अडियाला जेल के बाहर पहुंच गई थीं और भाई से मिलने का इंतजार कर रही थीं, लेकिन इमरान खान के लाखों समर्थकों को जेल के करीब फटकने भी नहीं दिया गया।

रावलपिंडी छावनी में तब्दील, जेल के बाहर जुटे समर्थक

जनरल आसिम मुनीर की आर्मी और शहबाज शरीफ की पुलिस ने रावलपिंडी को छावनी बना दिया है। अडियाला जेल तक जाने वाले सारे रास्ते बंद कर दिए गए। हर रास्ते पर फोर्स तैनात है, सड़कों पर कंटेनर और ट्रक खड़े कर दिए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर इमरान समर्थकों की तलाशी ली जा रही है। रावलपिंडी में धारा 144 लगा दी गई है और प्रदर्शनकारियों को ‘शूट एट साइट’ का ऑर्डर तक जारी कर दिया गया है। पेशावर में भी हंगामा करने वालों को गोली मारने का फरमान जारी हुआ है। इसके बावजूद PTI कार्यकर्ता पीछे नहीं हटे और अडियाला जेल के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन हुआ।

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर भी जमकर हुई नारेबाजी

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर भी सैकड़ों समर्थक जमा हो गए। इमरान के समर्थक अपने नेता की रिहाई और ‘आजादी’ को लेकर नारे लगा रहे थे। समर्थक कह रहे थे, ‘इमरान खान को रिहा करो, शर्म करो, हया करो। हम लेकर रहेंगे आजादी, है हक हमारा आजादी, तुम कैसे न दोगे आजादी, हम छीन के लेंगे आजादी, तेरा बाप भी देगा आजादी, जरा ऊंचा बोलो आजादी!’ समर्थकों पर आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान महिलाओं को बालों से पकड़कर घसीटा गया, युवाओं को बुरी तरह पीटा गया। जगह-जगह धक्का-मुक्की और हाथापाई हुई।

पूरे देश से रावलपिंडी के लिए रवाना हुए इमरान समर्थक

हालांकि पुलिस की लाठियां और गोलियां भी इमरान खान के समर्थकों को रोक नहीं पाईं। पेशावर, फैसलाबाद, कराची, क्वेटा समेत पूरे पाकिस्तान से लोग रावलपिंडी के लिए रवाना हुए थे। इनमें महिलाओं की तादाद भी बहुत थी। एक महिला कार्यकर्ता ने कहा, ‘पिछले एक महीने से इमरान खान को परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा। करोड़ों लोगों का वोट बैंक है उनका। सब परेशान हैं। हमारा फर्ज है कि उनकी बहनों के साथ खड़े हों और इस जुल्म की निंदा करें। दुनिया का कोई कानून ये इजाजत नहीं देता कि बिना वजह कैद नेता को परिवार से न मिलने दिया जाए।’

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