आस्ट्रेलिया में चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे दिन-रात्रि टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह के अलावा बाकी कोई गेंदबाज कमाल नहीं दिखा सकता जिसके बाद मोहम्मद शमी को भारत से बुलाकर टीम में शामिल करने की आवाजे उठने लगी हैं। पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने भी शमी को टीम में शामिल करने की मांग की है, लेकिन बाकी सभी गेंदबाजों का बचाव कर रहे रोहित शमी को लेकर सकारात्मक नजर नहीं आ रहे हैं।
दूसरे टेस्ट मैच की हार के बाद रोहित शर्मा से जब शमी के बारे में सवाल किया गया तो रोहित ने कहा कि उनके लिए टीम के दरवाजे खुले है, लेकिन सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेलते हुए फिर से उनके घुटने में सूजन आ गई है। हम उन पर नजर रख रहे हैं। हम उन पर वापसी के लिए कोई दबाव नहीं डालना चाहते हैं। रोहित के हावभाव से लग रहा था कि वह शमी को टीम में शामिल करने को लेकर उत्सुक नहीं हैं।
15 अक्टूबर को बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के विरुद्ध टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले भी रोहित से जब शमी को ऑस्ट्रेलिया जाने वाली टीम में चुनने पर सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा था कि उनको लेकर निर्णय करना मुश्किल है। उनके घुटने में सूजन है, जिसके कारण वह थोड़ा पिछड़ गए हैं और उन्हें दोबारा शुरू करना होगा। वे राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में हैं। हम उस शमी को आस्ट्रेलिया नहीं लेना चाहते जो पूरी तरह से तैयार नहीं हो।
उसमें ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम में 34 वर्षीय शमी के शामिल होने को लेकर रोहित द्वारा दिए गए बयान पर दोनों के बीच गर्मागरम बातचीत हुई। उसके बाद से शमी बंगाल के लिए एक रणजी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के सात मैच खेल चुके हैं। ऐसा पता चला है कि वह सोमवार को चंडीगढ़ के विरुद्ध होने वाले मैच में भी खेलेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई में शमी टेस्ट के लिए पूरी तरह फिट नहीं हैं या कोई और बात है?