भारत की डिजिटल क्रांति को एक बार फिर दुनिया ने सराहा है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (DPI) को “ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस इन डिजिटल गवर्नेंस” घोषित किया है। यह सम्मान भारत की उन तकनीकी पहलों को मिला है जिन्होंने करोड़ों लोगों को सरकारी सेवाओं, बैंकिंग और पहचान प्रणाली से जोड़ा है।
डिजिटल इंडिया का असर — विश्व स्तर पर प्रशंसा
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर एक ऐसा मॉडल है जिसे दूसरे देश भी अपना सकते हैं। रिपोर्ट में विशेष रूप से Aadhaar, UPI, DigiLocker, CoWIN और ONDC जैसी पहलों को सराहा गया। इन प्लेटफॉर्म्स ने भारत को एक समावेशी डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ाया है। भारत सरकार के “डिजिटल इंडिया” मिशन की वजह से अब देश के 90% से अधिक नागरिक किसी न किसी रूप में डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं — चाहे वो बैंकिंग, पेमेंट्स या सरकारी लाभ योजनाएँ हों।
UPI और आधार बने ग्लोबल आइकन
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया कि UPI (Unified Payments Interface) ने भारत में डिजिटल पेमेंट्स का चेहरा बदल दिया है। हर महीने 12 अरब से ज़्यादा ट्रांजेक्शन के साथ UPI अब विश्व की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट प्रणाली बन गई है। वहीं, Aadhaar के जरिए सरकार ने लाखों फर्जीवाड़े रोके और योजनाओं का लाभ सीधे पात्रों तक पहुँचाया।
डिजिलॉकर और कोविन ने बढ़ाया भरोसा
DigiLocker ने नागरिकों को अपने सभी दस्तावेज़ डिजिटल रूप में सुरक्षित रखने की सुविधा दी है। अब तक 20 करोड़ से ज़्यादा भारतीय DigiLocker का उपयोग कर रहे हैं। वहीं, CoWIN प्लेटफॉर्म ने कोविड-19 वैक्सिनेशन अभियान को पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से पूरा करने में अहम भूमिका निभाई। इन सभी प्रयासों ने भारत की तकनीकी क्षमता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान दी है।
सरकार का कहना — “यह भारत के नागरिकों की जीत है”
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि पर कहा, “यह सम्मान भारत के हर नागरिक की जीत है जिसने डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपनाया। आज दुनिया हमारे डिजिटल मॉडल को सीखने आ रही है।” उन्होंने बताया कि भारत अब “DPI Global Partnership” के तहत अन्य देशों को तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगा, ताकि वे अपने नागरिकों तक सेवाएँ आसानी से पहुँचा सकें।
आर्थिक विकास में डिजिटल योगदान
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर अब देश की GDP में प्रतिवर्ष लगभग 1.2% का सीधा योगदान दे रहा है। इसके अलावा, छोटे व्यवसायों, MSMEs और स्टार्टअप्स को इससे नया मार्केट मिला है। आने वाले वर्षों में डिजिटल इकोसिस्टम भारत की आर्थिक रीढ़ बन जाएगा। भारत का डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर आज दुनिया के लिए प्रेरणा बन गया है। संयुक्त राष्ट्र का यह सम्मान न केवल भारत की तकनीकी क्षमता की पहचान है, बल्कि यह साबित करता है कि डिजिटल नवाचार से समावेशी विकास संभव है। अब भारत का लक्ष्य है — “टेक्नोलॉजी को जन-जन तक पहुंचाना और डिजिटल इकॉनमी को वैश्विक शक्ति बनाना।”