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Saturday, October 25, 2025

भारत ने लॉन्च किया “National Red List Roadmap”: देश की जैव-विविधता की रक्षा और प्रजातियों के संरक्षण की बड़ी पहल

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भारत ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए “National Red List Roadmap” की शुरुआत की है। इस पहल के तहत देश के पौधों और जीव-जंतुओं की संरक्षण स्थिति का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया जाएगा। पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, यह कार्यक्रम आने वाले वर्षों में भारत की जैव-विविधता को बचाने और संकटग्रस्त प्रजातियों की पहचान करने में अहम भूमिका निभाएगा।

क्या है National Red List Roadmap?

यह योजना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित IUCN Red List के भारतीय संस्करण की तरह काम करेगी। इसमें भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पाए जाने वाले वनस्पति और जीव-जंतुओं की प्रजातियों का विस्तृत डेटा तैयार किया जाएगा।

इसका उद्देश्य है –

  • जैव-विविधता की सटीक स्थिति का आकलन
  • संकटग्रस्त प्रजातियों की पहचान
  • पर्यावरण नीति निर्माण के लिए मजबूत डेटा उपलब्ध कराना

जैव-विविधता संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम

भारत दुनिया के 17 “मेगा-बायोडायवर्स” देशों में शामिल है, जहाँ लगभग 8% वैश्विक जैव-विविधता पाई जाती है। फिर भी, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और शहरीकरण की वजह से कई प्रजातियाँ विलुप्ति की कगार पर हैं। “National Red List Roadmap” के ज़रिए सरकार इन चुनौतियों का सामना करने के लिए डेटा-आधारित नीतियाँ बनाने की तैयारी में है।

कौन करेगा यह आकलन?

इस परियोजना का नेतृत्व पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) करेगा। साथ ही, भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII), Zoological Survey of India (ZSI) और Botanical Survey of India (BSI) जैसी संस्थाएँ इसमें मिलकर काम करेंगी। इन संस्थाओं की टीम देशभर से प्रजातियों के आंकड़े इकट्ठा करेगी और उनके संरक्षण स्तर का अध्ययन करेगी।

भविष्य पर असर

इस रोडमैप से

  • पर्यावरण नीति को वैज्ञानिक आधार मिलेगा।
  • संरक्षण योजनाओं को प्राथमिकता देने में मदद मिलेगी।
  • विलुप्त हो रही प्रजातियों की रक्षा के लिए ठोस रणनीति बनेगी।
  • पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल भारत को वैश्विक जैव-विविधता संरक्षण प्रयासों का अग्रणी देश बना सकती है।
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