भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम ने एक बार फिर अपनी मजबूती साबित की है। 2025 की पहली छमाही में, फंडिंग में गिरावट दर्ज होने के बावजूद, भारत दुनिया में तकनीकी निवेश (Tech Investment) के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब वैश्विक आर्थिक माहौल अस्थिर है और कई देशों में वेंचर कैपिटल निवेश में भारी कमी देखी जा रही है।
फंडिंग में गिरावट, फिर भी निवेशकों का भरोसा कायम
रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 की जनवरी से जून तक भारत में लगभग $8.5 बिलियन का निवेश हुआ। हालांकि यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में करीब 18% कम है, फिर भी भारत तकनीकी निवेश के लिहाज से अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है। इसका मुख्य कारण भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था, AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), फिनटेक, ई-कॉमर्स, और सस्टेनेबल टेक सेक्टर में तेजी से बढ़ती संभावनाएँ हैं।
निवेश का केंद्र बने उभरते सेक्टर
निवेशकों ने विशेष रूप से AI, क्लाउड सर्विसेज, एडटेक, और हेल्थटेक स्टार्टअप्स में अधिक रुचि दिखाई है। AI आधारित स्टार्टअप्स में $2.1 बिलियन का निवेश हुआ।फिनटेक कंपनियों ने $1.4 बिलियन की फंडिंग जुटाई।ग्रीनटेक और क्लीन एनर्जी सेक्टर में भी रिकॉर्ड निवेश दर्ज किया गया, जो भारत के “नेट जीरो” लक्ष्य की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
सरकारी नीतियों का बड़ा योगदान
सरकार की “Digital India 2.0”, “Make in India” और “Startup India” जैसी योजनाओं ने निवेश माहौल को मजबूत किया है। साथ ही, सेमीकंडक्टर मिशन, डेटा सेंटर पॉलिसी और एआई इनोवेशन हब्स जैसे कदमों ने भारत को वैश्विक तकनीक मानचित्र पर अग्रणी बना दिया है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा —
“भारत अब केवल सॉफ्टवेयर आउटसोर्सिंग का देश नहीं रहा, बल्कि नवाचार और तकनीकी समाधान का हब बन चुका है। वैश्विक निवेशक भारत को ‘टेक्नोलॉजी पावरहाउस’ के रूप में देख रहे हैं।”
वैश्विक संदर्भ में भारत की स्थिति
विश्व स्तर पर अमेरिका पहले स्थान पर है, जिसने लगभग $45 बिलियन का तकनीकी निवेश आकर्षित किया, जबकि चीन दूसरे स्थान पर रहा $20 बिलियन निवेश के साथ। भारत का तीसरे स्थान पर आना यह दर्शाता है कि देश की इनोवेशन क्षमता, युवा टैलेंट और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विश्व में प्रतिस्पर्धी बन चुके हैं।
विशेषज्ञों की राय
निवेश विश्लेषक मानते हैं कि भारत में आने वाले 2 वर्षों में तकनीकी फंडिंग फिर से रफ्तार पकड़ सकती है। इसका श्रेय सरकार के नीतिगत स्थिरता, विदेशी निवेश को आकर्षित करने वाले सुधारों और AI व सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग जैसे उभरते क्षेत्रों को जाता है।
भविष्य की संभावनाएँ
भारत में 2026 तक AI और क्लाउड टेक्नोलॉजी में $20 बिलियन से अधिक निवेश होने का अनुमान है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत शिक्षा, शोध और नवाचार में निरंतर निवेश बनाए रखता है, तो आने वाले समय में वह दूसरे स्थान पर भी पहुंच सकता है।

 
                                    







