इक्विटी म्यूचुअल फंड में नवंबर में मासिक आधार पर 14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 35,943 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। विभिन्न व्यापक आर्थिक कारक, भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी चुनाव के परिणाम से उत्पन्न अस्थिरता इसकी मुख्य वजह रही। हालांकि, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार,
गिरावट के बावजूद यह शेयरों में निवेश करने वाले कोषों में शुद्ध प्रवाह का लगातार 45वां महीना है, जो निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड के बढ़ते आकर्षण को दर्शाता है। इसके अलावा, सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये नवंबर में मासिक योगदान पिछले महीने 25,320 करोड़ रहा। अक्टूबर में यह आंकड़ा 25,323 करोड़ रुपये था।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी के अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘विभिन्न व्यापक आर्थिक कारकों, भू-राजनीतिक घटनाओं और अमेरिकी चुनाव परिणामों के कारण अस्थिरता बढ़ गई। इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में निवेशकों ने निवेश करते समय प्रतीक्षा और निगरानी का रुख अपनाया। इस प्रकार नवंबर 2024 के लिए एसआइपी के जरिये मासिक योगदान लगभग स्थिर रहा वहीं एकमुश्त प्रवाह में गिरावट आई।’
कुल मिलाकर म्यूचुअल फंड उद्योग में समीक्षाधीन महीने में 60,295 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जबकि अक्टूबर में यह 2.4 लाख करोड़ रुपये था। वहीं उद्योग की प्रबंधन अधीन शुद्ध परिसंपत्तियां पिछले महीने बढ़कर 68.08 लाख करोड़ रुपये हो गईं, जो अक्टूबर में 67.25 लाख करोड़ रुपये थी। आंकड़ों के अनुसार, शेयरों में निवेश वाली योजनाओं में अक्टूबर में 41,887 करोड़ रुपये की तुलना में नवंबर में 35,943 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।
नवंबर में गोल्ड ईटीएफ श्रेणी में 1,257 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ, जो पिछले महीने के 1,961 करोड़ रुपये से कम है। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘अक्टूबर की तुलना में जुटाया गया फंड कम रहा, लेकिन भुनाए गए फंड की संख्या अधिक रही। इसका मतलब है कि निवेशकों ने ऊंचे स्तर पर सोने के कारोबार और आसन्न विवाह सीजन के साथ मुनाफावसूली का विकल्प चुना होगा, क्योंकि भौतिक सोने की मांग अधिक है।’