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Monday, October 13, 2025

ISRO ने ‘सूर्य मिशन आदित्य-L1’ का नया चरण पूरा किया, अब धरती की कक्षा से 15 लाख किमी दूर

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भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक और ऐतिहासिक सफलता जुड़ गई है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने महत्वाकांक्षी मिशन आदित्य-L1 (Aditya-L1) के तहत नया चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह मिशन अब धरती की कक्षा से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंज पॉइंट-1 (L1) की ओर अग्रसर है, जहां से यह सूर्य का लगातार अवलोकन करेगा।

क्या है आदित्य-L1 मिशन?

आदित्य-L1 भारत का पहला सौर मिशन (Solar Mission) है, जिसका उद्देश्य सूर्य की बाहरी परत — यानी कोरोना, सोलर फ्लेयर्स और विकिरण का अध्ययन करना है। यह मिशन सूर्य की गतिविधियों को समझने में मदद करेगा, जिससे पृथ्वी पर होने वाले अंतरिक्षीय प्रभाव (Space Weather) की भविष्यवाणी आसान होगी।

मिशन की वर्तमान स्थिति

ISRO ने बताया कि आदित्य-L1 ने अपना ट्रांस-लैग्रेंज पॉइंट इन्सर्शन (TLPI) चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।इसका मतलब है कि अब यह यान L1 पॉइंट की दिशा में जा रहा है, जो सूर्य और पृथ्वी के बीच वह विशेष बिंदु है जहां दोनों की गुरुत्वाकर्षण शक्तियां संतुलित रहती हैं। यहां पहुंचने के बाद आदित्य-L1 लगातार सूर्य का अध्ययन कर सकेगा, बिना किसी ग्रहण या बाधा के।

मिशन के वैज्ञानिक उद्देश्य

आदित्य-L1 मिशन के सात पेलोड सूर्य से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों का अध्ययन करेंगे —

VLEC और SUIT उपकरण: सूर्य की पराबैंगनी किरणों और प्रकाशीय उत्सर्जन का विश्लेषण करेंगे। ASPEX और PAPA: सौर वायु (Solar Wind) और चार्ज्ड कणों का अध्ययन करेंगे। HEL1OS: सूर्य के कोरोना की ऊष्मा और संरचना को मापेगा। यह डाटा भविष्य में सौर तूफानों और उपग्रहों पर उनके प्रभाव की सटीक भविष्यवाणी में मदद करेगा।

भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों में नई छलांग

आदित्य-L1 की सफलता भारत के लिए एक वैज्ञानिक मील का पत्थर मानी जा रही है। इससे पहले ISRO ने चंद्रयान-3 मिशन के ज़रिए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर इतिहास रचा था। अब सूर्य मिशन की यह प्रगति भारत को स्पेस ऑब्जर्वेशन टेक्नोलॉजी में अग्रणी देशों की श्रेणी में शामिल कर रही है।

वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय की सराहना

NASA और ESA (European Space Agency) समेत कई अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक संस्थानों ने ISRO की इस उपलब्धि की सराहना की है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिशन न केवल भारत बल्कि पूरी मानवता के लिए सूर्य की समझ को गहराने में मदद करेगा आदित्य-L1 मिशन का यह नया चरण पूरा होना भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण में एक और गौरवशाली कदम है। ISRO की यह सफलता यह दर्शाती है कि भारत न केवल चंद्रमा और मंगल की दिशा में, बल्कि अब सूर्य के रहस्यों को समझने की दिशा में भी विश्व अग्रणी बनता जा रहा है

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