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Saturday, December 20, 2025

किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों को मिली राहत, ED ने 312 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान किया

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नई दिल्ली : लंदन में विजय माल्या के प्री-बर्थडे सेलिब्रेशन की तस्वीरें सामने आने के एक दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को बड़ी राहत देने की घोषणा की। ईडी ने बताया कि उसने कर्मचारियों के लंबे समय से लंबित बकाये के भुगतान के लिए 312 करोड़ रुपये की राशि लौटाई है। यह रकम आधिकारिक परिसमापक (ऑफिशियल लिक्विडेटर) को हस्तांतरित की गई है, ताकि किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व कर्मचारियों को इसका भुगतान किया जा सके।

यह चेन्नई स्थित ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) की मंजूरी के बाद संभव हो सका। डीआरटी ने एसबीआई को पहले लौटाए गए शेयरों की बिक्री से प्राप्त राशि को कर्मचारियों के बकाये के भुगतान के लिए जारी करने का निर्देश दिया था।

गौरतलब है कि विजय माल्या के खिलाफ सीबीआई द्वारा लोन फ्रॉड का मामला दर्ज किए जाने के बाद वह लंदन फरार हो गया था। इसके बाद ईडी ने उनके और किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। जनवरी 2019 में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था।

ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत विजय माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस और उनसे जुड़ी इकाइयों की 5,042 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। इसके अलावा 1,695 करोड़ रुपये की अन्य संपत्तियां भी कुर्क की गई थीं। बाद में विशेष PMLA अदालत ने डीआरटी के माध्यम से इन सभी कुर्क संपत्तियों को एसबीआई के नेतृत्व वाले बैंकिंग कंसोर्टियम को लौटाने की अनुमति दी। इन संपत्तियों की बिक्री से बैंकों को कुल 14,132 करोड़ रुपये की वसूली हुई।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ईडी ने सभी संबंधित पक्षों के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित किया कि कर्मचारियों के लंबे समय से लंबित बकाये का निपटारा हो। एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत कर संपत्तियों के उपयोग से कर्मचारियों के दावों के भुगतान की सुविधा दी गई।”

अधिकारी के अनुसार, एसबीआई ने डीआरटी में एक अंतरिम आवेदन दायर कर संपत्तियों से कर्मचारियों के बकाये के भुगतान की पेशकश की और सुरक्षित लेनदारों के दावों से पहले कर्मचारियों के बकाये को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई। इस फैसले से किंगफिशर एयरलाइंस के सैकड़ों पूर्व कर्मचारियों को वर्षों बाद अपने बकाये की उम्मीद जगी है।

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