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Thursday, December 11, 2025

Man Kaur: 100 की उम्र में 100 से ज्यादा मेडल जीतने वाली मन कौर ने बुजुर्गों के लिए उदाहरण पेश किया

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Man Kaur: अगर हौसला बुलंद हो तो उम्र सिर्फ संख्या मात्र रह जाती है। बढ़ती उम्र में लोग खुद को शारीरिक तौर पर कमजोर समझने लगते हैं। रिटायरमेंट के बाद बुजुर्ग अपने जीवन का अनुभव साझा करते हैं। लेकिन पटियाला की एक दादी ने कोई अनुभव साझा नहीं किया, बल्कि अपने जीवन को ही एक मिसाल बना दिया। यह कहानी है पटियाला की मन कौर की, जिन्होंने 100 साल की उम्र पार करते करते कई रिकॉर्ड तोड़े, 100 से ज्यादा मेडल अपने नाम किए और सबके लिए प्रेरणा बन गईं।

मन कौर का जन्म पंजाब के पटियाला में 1 मार्च 1916 को हुआ था। 93 साल की उम्र में सरदारनी मन कौर ने दौड़ना शुरू किया। उन्होंने ऐसी दौड़ लगाई कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी और भारत की पहचान बन गई। अपने करियर में कई पुरस्कार और सम्मान जीते। 100 साल की होते-होते उन्होंने ‘रनिंग क्विन आफ इंडिया’ का खिताब जीत लिया। मन कौर का निधन 105 वर्ष की आयु में 31 जुलाई 2021 में हुआ। इस दौरान उनका जीवन लोगों के लिए मिसाल बन गया। आइए जानते हैं मान कौर की कहानी , जिन्होंने जीता नारी शक्ति पुरस्कार।

Man Kaur का जीवन परिचय

मन कौर का जीवन इस बात का प्रतीक है कि जुनून और इच्छाशक्ति उम्र से कहीं बड़ी होती है। 93 वर्ष की उम्र में उन्होंने दौड़ना शुरू किया, वो भी तब जब अधिकतर लोग चलने में भी कठिनाई महसूस करते हैं। वह एक गृहिणी थीं, लेकिन बेटे गुरदेव सिंह के प्रेरणा देने पर उन्होंने मास्टर्स एथलेटिक्स में हिस्सा लेना शुरू किया। उनकी पहली ही दौड़ 100 मीटर की थी, जिसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मन कौर की प्रमुख उपलब्धियां

101 साल की उम्र में मन कौर ने न्यूजीलैंड के ऑकलैंड शहर में 100 मीटर की रेस जीती थी। ऑकलैंड में आयोजित हुई वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स में मान कौर का दम देखकर सब हैरान रह गए। मान कौर ने यह रेस 1 मिनट 14 सेकेंड में पूरी की। यह मान कौर के करियर का 17वां गोल्ड मेडल था।

साल 2016 में अमेरिका के सैक्रामेंटो में 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में भी मन कौर ने हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इसी साल सितंबर 2016 में कनाडा के वैंकूवर में हुई मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मान कौर ने 100 मीटर, 200 मीटर रेस, भाला फेंक, गोला फेंक में हिस्सा लेते हुए चार गोल्ड मेडल जीतकर देश के साथ साथ अपने शहर चंडीगढ़ का नाम भी रोशन किया था।

101 साल की उम्र में मन कौर ने जर्मनी में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स में गोल्ड हासिल किया। साथ ही 100 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल जीते। साल 2019 में उन्हें भारत सरकार द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मन कौर का फिटनेस मंत्र

मन कौर ने अपने जीवन के पिछले 30 से अधिक वर्षों से कोई तली-भुनी चीज नहीं खाई। जंक फूड से दूरी और नियमित सैर ने उन्हें इस उम्र में भी एक्टिव रखा। वह रोज सुबह और शाम सैर व योग करती थीं। कई बार वह खुद से खाना भी बनाती थीं। मान कौर की दिनचर्या बहुत अनुशासित रहीं। वह हर दिन सुबह 5 बजे उठती थीं। अपने बेटे के साथ नियमित दौड़ का अभ्यास करती थीं। वह भोजन में पूरी तरह से हेल्दी डाइट लेती थीं। उनके आहार में घर का बना खाना, ड्राई फ्रूट्स, गेहूं का जूस आदि शामिल था।

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