टाटा संस के मानद चेयरमैन पद्म विभूषण रतन टाटा हमारे बीच नहीं रहे। देश के उद्योग जगत के सबसे नायाब ‘रतन’ यानी रतन टाटा ने उम्र से जुड़ी बीमारी के बाद बुधवार देर रात (9 अक्टूबर 2024) 86 वर्ष की उम्र में मुंबई में अंतिम सांस ली। रतन टाटा के निधर पर रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने दुख जताया। मुकेश अंबानी ने कहा कि रतन टाटा का निधन न केवल टाटा समूह के लिए, बल्कि हर भारतीय के लिए एक बड़ी क्षति है। मैंने आज एक प्रिय मित्र को खो दिया।
रतन टाटा के निधन पर रिलायंस के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “यह देश के लिए दुखद दिन है। उनका जाना सिर्फ टाटा समूह ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं व्यक्तिगत तौर पर उनके जाने से दुखी हूं क्योंकि मैंने अपना एक अच्छा दोस्त खो दिया है। उन्होंने मुझे हर मुलाकात में प्रेरित किया, नई उर्जा दी। वो दूरदर्शी बिजनेसमैन और परोपकारी थे। उन्होंने हमेशा समाज की अच्छाई के लिए काम किया।
उन्होंने आगे कहा, “उनके जाने से देश ने अपने दयालु बेटे को खो दिया। टाटा ने देश का प्रतिनिधित्व पूरी दुनिया के सामने किया। वो दुनिया की अच्छी चीजों को लेकर भारत आए। उन्होंने टाटा घराने को संस्थागत बनाया. 1991 में टाटा समूह संभालने के बाद इसके बिजनेस को 70 गुना बढ़ा दिया।
उन्होंने आगे कहा, “रतन टाटा दूरदर्शी कारोबारी और परोपकारी थे, जो हमेशा समाज की अच्छाई के लिए काम करते थे। उन्होंने कहा, ‘रतन टाटा के जाने से भारत ने सबसे पुत्र और दयालु बेटे को खो दिया है। टाटा ने भारत को दुनिया के सामने रखा और दुनिया की अच्छी चीजों को भारत लेकर आए। उन्होंने टाटा घराने को संस्थागत बनाया और साल 1991 में टाटा समूह संभालने के बाद इसे 70 गुना बढ़ा दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं, रिलायंस, नीता और अंबानी परिवार की तरफ से टाटा परिवार के शोकाकुल सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। रतन, आप हमेशा मेरे दिल में रहेंगे।
रतन टाटा का पार्थिव शरीर नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में रखा गया है। यहां लोग शाम 4 बजे तक अंतिम दर्शन कर सकेंगे। शाम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। यहां सर्व धर्म प्रार्थना की गई।
28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। वह 1990 से 2012 तक ग्रुप के चेयरमैन थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन थे। रतन, टाटा ग्रुप के चैरिटेबल ट्रस्ट्स के प्रमुख थे।रतन ने अपनी विरासत को एक नए मुकाम पर पहुंचाया। उन्होंने एअर इंडिया को अपने एंपायर में शामिल किया। विदेशी कंपनी फोर्ड के लग्जरी कार ब्रांड लैंडरोवर और जगुआर को भी अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा।