भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और रणनीतिक प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत भारतीय नौसेना के आने वाले नए युद्धपोतों का नाम छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदियों और क्षेत्रों पर रखा जाएगा।
इन नामों में शामिल होंगे —
“INS महानदी”, “INS इन्द्रावती”, और “INS बस्तर” — जो छत्तीसगढ़ की भौगोलिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर दर्शाएँगे।
‘स्थानीय से राष्ट्रीय’ की दिशा में बड़ा कदम
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य स्थानीय पहचान को राष्ट्रीय प्रतीक से जोड़ना है। “नदियाँ सिर्फ जल का स्रोत नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता की आत्मा हैं। छत्तीसगढ़ की नदियाँ और क्षेत्र भारत की सुरक्षा और प्रगति की प्रेरणा बनेंगे।” — रक्षा मंत्रालय अधिकारी
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को और मजबूत करता है।
INS महानदी, INS इन्द्रावती और INS बस्तर — क्या है खास?
- INS महानदी: राज्य की जीवनरेखा नदी के नाम पर, जो स्थिरता और शक्ति का प्रतीक है।
- INS इन्द्रावती: बस्तर क्षेत्र की ऐतिहासिक नदी, जो गहराई और निर्भीकता को दर्शाती है।
- INS बस्तर: बहादुरी और जनजातीय वीरता का प्रतीक — यह नाम भारत की सांस्कृतिक विविधता को सम्मान देगा।
छत्तीसगढ़ की बढ़ती राष्ट्रीय पहचान
पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, पर्यटन, और रक्षा क्षेत्र से जुड़ी मान्यताएँ लगातार राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही हैं। बस्तर की झांकी “एकता परेड 2025” में चयनित होने के बाद अब यह प्रस्ताव राज्य की प्रतिष्ठा को और भी ऊँचा करेगा।
स्थानीय नागरिकों में उत्साह
रायपुर, बस्तर और जांजगीर में लोगों ने इस निर्णय का स्वागत किया। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसे “छत्तीसगढ़ की नदियों को राष्ट्रीय गौरव” कहकर सराहा।विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य की पहचान राष्ट्रीय रक्षा के प्रतीकों में भी दर्ज होगी।

 
                                    







