भारत की शिक्षा व्यवस्था में 2025 से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत केंद्र सरकार ने कई नए नियम लागू करने का ऐलान किया है। इसका असर स्कूलों से लेकर कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक पर दिखेगा।
स्कूल शिक्षा में बदलाव
बोर्ड परीक्षाएँ साल में दो बार होंगी, ताकि छात्रों का दबाव कम हो।
9वीं से 12वीं तक के सिलेबस को ज्यादा स्किल-बेस्ड बनाया जाएगा।
आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स की दीवारें तोड़कर छात्र किसी भी विषय का कॉम्बिनेशन ले सकेंगे।
कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर बदलाव
मल्टीपल एंट्री-एग्ज़िट सिस्टम लागू होगा, यानी छात्र किसी भी साल कोर्स छोड़कर बाद में दोबारा उसी साल से पढ़ाई जारी रख पाएंगे।
अब डिग्री कोर्स 3 साल या 4 साल का चुनने का विकल्प होगा।
क्रेडिट बैंक सिस्टम शुरू होगा, जिसमें छात्र अलग-अलग कॉलेज/यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करके क्रेडिट जोड़ सकेंगे।
डिजिटल और स्किल एजुकेशन
सभी छात्रों के लिए डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म और वर्चुअल क्लासरूम की सुविधा दी जाएगी।
रोजगार बढ़ाने के लिए स्किल-आधारित कोर्स अनिवार्य होंगे।
ग्रामीण और छोटे कस्बों के बच्चों के लिए ऑनलाइन लर्निंग पर खास फोकस रहेगा।
छात्रों और विशेषज्ञों की राय
छात्रों का मानना है कि नए बदलाव उन्हें पढ़ाई के साथ करियर विकल्प चुनने में मदद करेंगे। शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम भारत की शिक्षा प्रणाली को ग्लोबल स्टैंडर्ड के करीब ले जाएगा।
निष्कर्ष
NEP 2020 के नए नियमों से भारत की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव आने वाले हैं। यह बदलाव छात्रों के दबाव को कम करने, उन्हें ज्यादा विकल्प देने और उन्हें भविष्य के जॉब मार्केट के लिए तैयार करने की दिशा में अहम साबित होंगे।