रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने नवा रायपुर अटल नगर को एक बड़े प्रशासनिक फैसले के तहत नई तहसील का दर्जा प्रदान कर दिया है। इस निर्णय से लाखों आबादी को राहत मिलेगी, क्योंकि अब राजस्व और सरकारी कार्यों के लिए दूर-दराज के दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इस संबंध में अधिसूचना 19 दिसंबर को राजपत्र में प्रकाशित की गई है। नई तहसील के सीमांकन के तहत उत्तर में मंदिर हसौद, दक्षिण में अभनपुर, पूर्व में गोबरा-नवापारा और पश्चिम में रायपुर को परिधि के रूप में निर्धारित किया गया है। प्रशासनिक सुविधा के लिए नवा रायपुर अटल नगर तहसील में छह राजस्व निरीक्षक मंडल बनाए गए हैं, जिनमें पलौद, मंदिर हसौद, केंद्री, तोरला, सेरीखेड़ी, रायपुर-16 और कांदुल क्षेत्र को सम्मिलित किया गया है।
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कई पटवारी हल्के और गांव जुड़े
नई तहसील के अंतर्गत कुल 20 पटवारी हल्कों को शामिल किया गया है। इन हल्कों के अंतर्गत आने वाले गांवों को अब राजस्व संबंधी सुविधाएँ, नामांतरण, बंटवारा, भू-अधिकार, भूमि रजिस्ट्रेशन, नक्शा-खसरा सहित सभी सेवाएँ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी। इससे लोगों का समय और खर्च दोनों की बचत होगी। इन पटवारी हल्कों के माध्यम से कुल 42 गांव नवा रायपुर तहसील से जुड़ गए हैं। इनमें पलौद, परसदा, चीचा, सेंद, बरौदा, रमचंडी, कयाबांधा, झांझ, नवागांव, खपरी, कुहेरा, राखी, कोटनी, तांदुल, छतौना, केंद्री, बेंद्री, निमोरा, तुता, झांकी, खंडवा, भेलवाडीह, पचेड़ा, चेरिया, पौता, बंजारी, तेंदुआ, कुरूं, नक्टी, टेमरी, धरमपुरा, बनरसी, माना सहित अन्य गांव शामिल हैं।
नागरिकों को क्या लाभ मिलेगा?
- राजस्व और भूमि संबंधित कार्य तेज होंगे
- प्रशासनिक नियंत्रण मजबूत होगा
- विकास योजनाओं के लागू करने में तेजी आएगी
- गांवों के लोगों को राजधानी स्तर का सीधा लाभ मिलेगा
- निवेश और शहरी विस्तार की प्रक्रिया को गति मिलेगी
नवा रायपुर के विकास को मिलेगा नया आयाम
नवा रायपुर पहले से ही राज्य की प्रशासनिक राजधानी, स्मार्ट सिटी और उभरते औद्योगिक-व्यावसायिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है। नई तहसील का गठन यहां के नागरिकों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगा। इससे सरकारी कार्यवाही स्थानीय स्तर पर सुलभ होगी और ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों के विकास को नई दिशा मिलेगी।








