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Wednesday, May 21, 2025

पाकिस्तान का खजाना तेजी से खत्म, युद्ध जारी रहने पर खाने के लाले पड़ सकते हैं

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पाकिस्तान, जो पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा था, ने अब भारत के साथ युद्ध छेड़ा है, और इसका परिणाम उसकी अर्थव्यवस्था के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकता है। कुछ महीने पहले पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर था, जहां उसे कर्ज़ का ब्याज चुकाने तक के लिए पैसे नहीं मिल रहे थे। उसकी विदेशी मुद्रा भंडार इतनी कम थी कि केवल कुछ दिन के आयात के लिए ही वह पर्याप्त थी। इस मुश्किल स्थिति से उबरने की कोशिश कर ही रहा था कि युद्ध ने उसकी मुश्किलें और बढ़ा दीं।

पाकिस्तान ने युद्ध की स्थिति में खुद को आर्थिक संकट में फंसा हुआ पाया। उसने तीसरे ही दिन वर्ल्ड बैंक से कर्ज़ की अपील करनी शुरू कर दी। पाकिस्तान सरकार ने सोशल मीडिया पर यह लिखा कि भारी नुकसान के बाद, वह इंटरनेशनल पार्टनर्स से अधिक कर्ज़ की मांग कर रही है, और साथ ही तनाव कम करने की अपील कर रही है। हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि उसका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया था।


पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही नाजुक स्थिति में थी। 2022 में वह डिफॉल्ट होने के कगार पर था, और मार्च 2025 में उसे आईएमएफ से 2 अरब डॉलर का लोन मिला था। इससे पाकिस्तान को कुछ राहत मिली थी, लेकिन युद्ध ने उसकी स्थिति और भी बिगाड़ दी है। मूडीज़ जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने चेतावनी दी है कि अगर संघर्ष जारी रहा, तो पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत गंभीर हो जाएगी। विदेशी कर्ज़ तक पहुंच में कमी आएगी और विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ेगा। इसके साथ ही पाकिस्तान के एयर ट्रैफिक में भी गिरावट आई है, जिससे विदेशी मुद्रा में भारी नुकसान हो रहा है।

पाकिस्तान पर भारी कर्ज़ का बोझ है। दिसंबर 2024 तक पाकिस्तान का बाहरी कर्ज 131.1 अरब डॉलर तक पहुंच चुका था, और उसकी विदेशी मुद्रा भंडार केवल 15.48 अरब डॉलर है, जो तेजी से घट रही है, खासकर हवाई क्षेत्र के खाली होने के बाद।

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