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Thursday, October 23, 2025

रियल एस्टेट में फिर आई तेजी: 2025 में निवेशकों की वापसी से बाजार में नई जान

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भारत का रियल एस्टेट बाजार 2025 में एक बार फिर जोरदार रफ्तार पकड़ चुका है। बीते कुछ वर्षों में मंदी और ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव के बाद अब निवेशकों की वापसी (Investors Comeback) ने इस सेक्टर में नई ऊर्जा भर दी है। मेट्रो शहरों से लेकर टियर-2 और टियर-3 शहरों तक आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों (Residential & Commercial Properties) की मांग तेजी से बढ़ी है।रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में भारत में रियल एस्टेट निवेश में 18% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे ऊंची दर है।

बढ़ती मांग: घर और ऑफिस स्पेस दोनों में उछाल

कोविड के बाद लोगों में अपने घर की चाह और भी बढ़ गई है। वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड कल्चर ने मिड-सेगमेंट और लग्जरी हाउसिंग दोनों में मांग को मजबूती दी है। इसके अलावा, स्टार्टअप्स और टेक कंपनियों के विस्तार के चलते ऑफिस स्पेस की बुकिंग भी बढ़ रही है। 2025 में मुंबई, बेंगलुरु, गुरुग्राम और हैदराबाद जैसे शहरों में नई प्रॉपर्टी बुकिंग में 25% तक उछाल देखने को मिला है।

निवेशकों की वापसी: क्यों बढ़ रहा है भरोसा

निवेशकों के बीच अब रियल एस्टेट को स्थायी और सुरक्षित निवेश माना जा रहा है। शेयर मार्केट की अस्थिरता और गोल्ड में धीमी ग्रोथ के कारण निवेशक फिर से रियल एस्टेट रिटर्न्स की ओर झुक रहे हैं। 2025 में सरकार द्वारा शुरू की गई सस्ती आवास योजना (Affordable Housing Scheme) और टैक्स इंसेंटिव्स ने भी निवेश को बढ़ावा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले वर्षों में भारत का रियल एस्टेट मार्केट 12% वार्षिक दर से बढ़ सकता है।

सरकार की नीतियों का योगदान

सरकार ने रियल एस्टेट सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए कई कदम उठाए हैं: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत सस्ती हाउसिंग को बढ़ावा। RERA कानून ने खरीदारों में भरोसा बढ़ाया। GST राहत और ब्याज दरों में स्थिरता से निवेश आसान हुआ। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स जैसे मेट्रो, स्मार्ट सिटी और हाईवे नेटवर्क ने रियल एस्टेट ग्रोथ को नई दिशा दी। इन कदमों से निवेशक न केवल मेट्रो बल्कि छोटे शहरों में भी संपत्ति खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं।

टियर-2 और टियर-3 शहरों में निवेश का नया ट्रेंड

जहां पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों में निवेश केंद्रित था, वहीं अब रायपुर, इंदौर, लखनऊ, जयपुर और कोयंबटूर जैसे शहरों में भी तेजी आई है। इन शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें अभी भी किफायती हैं और रेंटल इनकम बेहतर मिल रही है।डिजिटल कनेक्टिविटी और नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी के चलते ये शहर अब नए निवेश केंद्र (Emerging Real Estate Hubs) बनते जा रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय: स्मार्ट निवेश का समय

रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 निवेश के लिए “गोल्डन ईयर” साबित हो सकता है। जो निवेशक अभी प्रॉपर्टी खरीदते या किराए पर देते हैं, उन्हें अगले 3-5 वर्षों में 20-30% तक का रिटर्न मिलने की संभावना है। AI आधारित प्रॉपर्टी एनालिटिक्स और ऑनलाइन रियल एस्टेट पोर्टल्स ने निवेशकों को बेहतर निर्णय लेने में मदद की है।

रियल एस्टेट में नए ट्रेंड्स

2025 में रियल एस्टेट मार्केट में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं:

ग्रीन बिल्डिंग्स और सस्टेनेबल हाउसिंग का चलन बढ़ रहा है। AI और वर्चुअल रियलिटी के जरिए ऑनलाइन प्रॉपर्टी टूर लोकप्रिय हो रहे हैं। स्मार्ट होम्स और डिजिटल सिक्योरिटी सिस्टम वाले घरों की मांग तेजी से बढ़ी है।

भविष्य की संभावनाएँ

अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि 2030 तक भारत का रियल एस्टेट बाजार 1 ट्रिलियन डॉलर का हो सकता है। रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर और विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि से यह सेक्टर भारत की GDP में 15% तक योगदान दे सकता है।

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