कृषि मंडी में सन्नाटा: राज्य की प्रमुख कृषि मंडियों में धान की आवक पूरी तरह ठप्प है, जिससे किसान और व्यापारी दोनों चिंतित हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 22 दिनों से मंडियों में धान की खरीद-बिक्री नहीं हो रही है। इस दौरान किसानों ने धान बेचने के लिए मंडियों का रुख नहीं किया, जिससे बाजार में सन्नाटा छा गया है।
नवंबर महीने की रिपोर्ट के अनुसार, मंडियों में कुल 362 क्विंटल धान ही खरीदा गया, जो पिछले महीनों के मुकाबले बेहद कम है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट धान की कम आवक, परिवहन समस्याएं और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में असमंजस जैसी वजहों से हुई है।
किसानों का कहना है कि मंडियों में लंबी प्रतीक्षा और खरीद प्रक्रिया में देरी की वजह से उन्हें अपने उत्पाद को बेचने में कठिनाई हो रही है। व्यापारी भी आवक कम होने के कारण कारोबार सुचारू रूप से नहीं चला पा रहे हैं। कृषि विभाग ने किसानों और मंडियों को आश्वस्त किया है कि धान की खरीदी सुचारू करने के लिए आवश्यक कदम जल्द उठाए जाएंगे, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके और मंडियों में व्यापारिक गतिविधियां फिर से शुरू हो सकें। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आवक में सुधार नहीं हुआ तो यह स्थिति किसानों की आय और स्थानीय कृषि अर्थव्यवस्था दोनों पर असर डाल सकती है।








