केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए एक अहम कदम उठाया है। जून, 2026 के बाद देश में लगने वाली किसी भी (सरकारी या निजी) सोलर परियोजना में सिर्फ भारत में उत्पादित सोलर मॉड्यूल्स या सोलर सेल्स का ही इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने अप्रूव्ड मॉड्यूल्स एंड मैन्युफैक्चरर्स ऑफ सोलर फोटोवोल्टिक आर्डर (एएलएमएम-2019) में अनिवार्य संशोधन कर आवश्यक प्रावधान किये हैं।
नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बताया है कि यह संशोधन भारतीय सौर ऊर्जा सेक्टर के लिए और स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। इसने एएलएमएम फ्रेमवर्क के तहत सोलर टीवी सेल्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की बहुप्रतीक्षित सूची है। इस सूची में शामिल कंपनियों से ही जून, 2026 के बाद सोलर मॉड्यूल्स व सेल्स की आपूर्ति की जाएगी।
सरकार की तरफ से बताया गया है कि सरकार की समर्थिक परियोजनाओं, नेट मीटरिंग प्रोजेक्ट्स और ओपेन एक्सेस वाली रिन्यूएबल ऊर्जा की परियोजानओं के लिए इस सूची में शामिल कंपनियों से ही सौर उर्जा उपकरणों की खरीद करनी होगी। सरकार अभी तक इस सूची को इसलिए जारी नहीं कर रही थी कि देश मे सोलर सेल्स बनाने वाली कंपनियों की संख्या बहुत ही कम थी और इस बात की अनिश्चितता थी कि वह घरेलू परियोजनाओं की मांग को पूरा कर सकेंगी या नहीं।
लेकिन सरकार की तरफ से व्यापक जांच-पड़ताल की प्रक्रिया पूरी करने के बाद और इन कंपनियों की उत्पादकता व गुणवत्ता की जांच के बाद यह विश्वास हो गया है कि घरेलू उद्योग आवश्यक मांग को पूरा कर सकेगा। यह भी बताया गया है कि भारत एक वैश्विक स्तर का सोलर सप्लाई चेन स्थापित करने के लिए तैयार है। यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को भी मजबूत करेगा और आयात पर भी निर्भरता कम करेगा।