पौष माह की अमावस्या, सोमवार, 30 दिसंबर को मनाई जा रही है, जिसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाएगा। इस तिथि को पितरों के साथ-साथ शिव जी की कृपा प्राप्ति के लिए भी काफी उत्तम माना गया है। ऐसे में यदि आप इस दिन पर कुछ उपाय करते हैं, तो इससे आपके पितृ आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। ऐसे में अमावस्या तिथि पर आप घर के बाहर दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जला सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पीपल के पेड़ में भी पितरों वास माना गया है। ऐसे में अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा कर 7 बार परिक्रमा करें। इसके बाद सरसों तेल में काले तिल डालकर दीपक जलाएं। इस उपाय करने से जातक को पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
पितरों की नाराजगी दूर करने के लिए आपको सोमवती अमावस्या पर पितृ चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसी के साथ इस दिन पर ब्राह्मणों को भोजन भी करवाना चाहिए और दान-दक्षिणा देनी चाहिए। साथ ही गरीबों व जरूरतमंदों को भी अपनी क्षमता के अनुसार दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
सोमवती अमावस्या पर आप पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए गरीबों व जरूरतमंद लोगों में अन्न, धन और वस्त्रों का दान कर सकते हैं। इसी के साथ अमावस्या पर सफेद रंग की चीजें जैसे चावल, दही, मिश्री, खीर और सफेद वस्त्रों का दान करने से भी साधक की कुंडली में व्याप्त चंद्र दोष से राहत मिलती है।