श्रीलंका ने अडानी समूह के साथ बिजली खरीद समझौता समाप्त कर दिया है. सरकार ने मई 2024 में अडानी विंड पावर कॉम्प्लेक्स से बिजली खरीदने के लिए समझौता किया था. कंपनी श्रीलंका के मन्नार और पूनरी तटीय क्षेत्रों में 484 मेगावाट का यह पवन ऊर्जा कॉम्प्लेक्स बनाने जा रही है.
श्रीलंका सरकार ने इस पावर कॉम्प्लेक्स से 0.0826 डॉलर (मौजूदा मूल्य- करीब 7.12 रुपये) प्रति किलोवाट की दर से बिजली खरीदने के लिए समझौता किया था. एएफपी ने सूत्रों के हवाले से इस समझौते के रद्द होने की जानकारी दी. रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने बिजली खरीदने से इनकार कर दिया है, प्रोजेक्ट को रोका नहीं गया है.
दिसानायके प्रशासन ने प्रोजेक्ट की जांच शुरू की
राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके प्रशासन ने ग्रुप की कंपनी की स्थानीय परियोजना की समीक्षा के लिए एक समिति भी बनाई है. इस प्रोजेक्ट को कई श्रीलंकाई कार्यकर्ताओं ने चुनौती दी थी.
उनका तर्क था कि कई छोटी अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं अडानी की तुलना में दो-तिहाई कीमत पर बिजली बेच रही हैं. इसके अलावा पर्यावरण संबंधी चिंताओं के चलते कंपनी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक अलग केस चल रहा है.
अमेरिका में Adani पर Bribery और Fraud का आरोप (Sri Lanka Power Purchase Deal)
अरबों रुपये की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के मामले में अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी को समन करना अमेरिकी प्रतिभूति एवं आयोग (एसईसी) के अधिकार में नहीं है.
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है. कहा गया है कि समन उचित कूटनीतिक चैनलों के जरिए भेजना होगा.
वहीं गौतम अडानी समेत 8 लोगों से जुड़ा यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. एडवोकेट विशाल तिवारी ने इस मामले की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
याचिका में अडानी समूह के खिलाफ शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की बाजार नियामक सेबी द्वारा की गई जांच में खामियों का भी आरोप लगाया गया है और भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए गए हैं.