भारत सरकार ने Startups के लिए फंडिंग और टैक्स पॉलिसी में बड़े बदलाव का ऐलान किया है। इसका उद्देश्य देश में नवाचार को बढ़ावा देना और छोटे व्यवसायों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करना है।
फंडिंग में नई पहल
सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए इन्क्यूबेशन और वेंचर कैपिटल फंडिंग को आसान और तेज़ बनाने की घोषणा की है। स्टार्टअप्स अब सरकारी और निजी फंडिंग प्लेटफॉर्म्स से आसानी से पूंजी जुटा सकते हैं। नई गाइडलाइन के तहत स्टार्टअप्स को कम ब्याज दर पर लोन और अनुदान मिलने की संभावना बढ़ गई है।
टैक्स पॉलिसी में बदलाव
स्टार्टअप्स को राहत देने के लिए टैक्स नीतियों में सुधार किया गया है। पहली तीन साल की कर में छूट या कम रेट पर टैक्स का लाभ मिलेगा। निवेशकों के लिए भी कैपिटल गेन टैक्स में रियायत दी गई है, जिससे अधिक लोग स्टार्टअप्स में निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे।
उद्योग और रोजगार पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव स्टार्टअप इकोसिस्टम को नया जीवन देगा। देश में नए बिजनेस मॉडल और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर बनेंगे, खासकर युवाओं के लिए।
डिजिटल और ग्रीन स्टार्टअप्स को प्राथमिकता
सरकार ने टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स वाले स्टार्टअप्स को विशेष प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। इससे पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों को भी समर्थन मिलेगा।
निष्कर्ष : सरकार की नई पहल से भारतीय स्टार्टअप्स को आर्थिक, तकनीकी और व्यावसायिक सहयोग मिलेगा। इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और भारत में स्टार्टअप्स का परिदृश्य और मजबूत होगा।