रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश भर में फिर से 14 नए स्वाइन फ्लू के मरीजों की पुष्टि हुई है. इनमें रायपुर से 10, बीजापुर, धमतरी, महासमुंद और सारंगढ़ से एक-एक मरीज शामिल हैं. प्रदेश में स्वाइन फ्लू से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुल 316 पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. फिलहाल, 112 मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज जारी है. वहीं 13 मरीज घर से ही होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे हैं.
प्रदेश हॉट स्पॉट बिलासपुर जिला बना हुआ है. बिलासपुर स्वाइन फ्लू के अब तक 108 मरीज मिल चुके हैं. वहीं रायपुर में 85, दुर्ग में 26, जांजगीर में 20, और कोरबा में 26 मरीज मिले हैं. सभी सक्रमित मरीजों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
विशेषज्ञ डॉक्टरों ने बताया बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द शामिल हैं. अग्रिम मामलों में बच्चों को सांस की तकलीफ, निर्जलीकरण और चिड़चिड़ापन का अनुभव हो सकता है. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण का खतरा होता है.
दर्द की जगह- मांसपेशी
खांसी- सूखी
पेट और आंत संबंधी- उल्टी, दस्त, या मतली
पूरे शरीर में ठंड लगना, थकान या बुखार
यह होना भी आम है गले में खराश, सांस फूलना, या सिरदर्द
ज़्यादातर लोग स्वाइन फ्लू से खुद ही लड़ सकते हैं. H1N1 के लक्षण आम फ़्लू जैसे ही होते हैं. औसतन, लक्षण लगभग आठ दिनों तक रहते हैं. अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं या बिगड़ जाते हैं तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
H1N1 जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस आपकी नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करता है. वायरस हवा के माध्यम से फैलता है जब वायरस से पीड़ित व्यक्ति खांसता, छींकता, सांस लेता या बात करता है. जब आप दूषित बूंदों को सांस के साथ अंदर लेते हैं तो वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है.
कुछ लोगों ने स्वाइन फ्लू से जुड़े दस्त और उल्टी की शिकायत की है. अतीत में, लोगों में स्वाइन फ्लू के संक्रमण से गंभीर बीमारी निमोनिया और श्वसन विफलता और मौतें रिपोर्ट की गई हैं. मौसमी फ्लू की तरह, स्वाइन फ्लू अंतर्निहित पुरानी चिकित्सा स्थितियों को और खराब कर सकता है.
स्वाइन फ्लू (H1N1) को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है हर साल फ्लू का टीका लगवाना. फ्लू का टीका 2010 से स्वाइन फ्लू से बचाव में मदद कर रहा है. स्वाइन फ्लू (H1N1) को फैलने से रोकने के अन्य तरीकों में शामिल हैं. छींकते या खांसते समय अपनी नाक और मुंह को टिशू से ढकें.
डॉक्टरों के मुताबिक फ्लू इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है. ज्यादातर लोगों को फ्लू तब होता है जब वे फ्लू से पीड़ित किसी व्यक्ति की खांसी या छींक से निकलने वाली छोटी-छोटी हवा में मौजूद बूंदों को सांस के जरिये अंदर लेते हैं. अगर आप वायरस वाली किसी चीज को छूते हैं और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूते हैं, तो भी आपको फ्लू हो सकता है.