बिलासपुर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के एआरटी सेंटर में पंजीकृत 10 एचआईवी संक्रमित मरीजों के शरीर पर टैटू के निशान मिले हैं, जो संक्रमण का संभावित कारण हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि टैटू बनाने के दौरान एक ही सुई का कई बार उपयोग करने से एचआईवी और अन्य गंभीर बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
सिम्स में एचआईवी मरीजों का रिकॉर्ड
वर्तमान में सिम्स में 4534 एचआईवी मरीज पंजीकृत हैं। इनमें 2313 पुरुष, 1795 महिलाएं, 222 बच्चे, और 167 बच्चियां शामिल हैं। 30 गर्भवती महिलाएं भी एचआईवी पॉजिटिव पाई गई हैं, जिनका इलाज जारी है।
गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष इलाज
एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं के लिए सिम्स में विशेष सुविधा उपलब्ध है। जांच, पंजीयन, और उच्च स्तरीय इलाज एक ही दिन में शुरू कर दिया जाता है ताकि संक्रमण मां से बच्चे में न फैले। दूध पिलाने वाली माताओं का भी प्राथमिकता से इलाज किया जा रहा है।