इजरायल पर हिजबुल्लाह और ईरान के बढ़ते हमले देख अब अमेरिका भी अप्रत्यक्ष रूप से इस युद्ध में कूद पड़ा है। अमेरिका ने इजराइल में की तैनाती की घोषणा कर दी है। जिससे अब ईरान और हिजबुल्लाह दोनों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। ये थाड क्या है और इसके इस्तेमाल से इजरायल को क्या फायदा होने वाला है आइए जानते हैं।
- ईरान-हिजबुल्लाह की जंग में कूदा US, इजरायल का खुलकर कर रहा समर्थन।
- पढ़ें कैसे काम करती है अमेरिका की थाड मिसाइल।
हिजबुल्लाह के खात्मे की कसम खाए बैठे नेतन्याहू ने अब लेबनान में मिसाइल अटैक तेज कर दिए हैं। इजरायल और हिजबुल्लाह में चल रही इस जंग के बीच अब अमेरिका भी कूद पड़ा है। अमेरिका ने इजराइल में की तैनाती की घोषणा कर दी है। जिससे अब ईरान और हिजबुल्लाह दोनों की मुश्किलें बढ़ने वाली है।
दरअसल, थाड एक उन्नत एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जिसे टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस कहा जाता है। खास बात ये है कि अमेरिका के इस एलान से इजरायल की हवाई सुरक्षा को मजबूती मिलेगी और हाल ही में ईरान द्वारा किए गए हमलों को दोबारा होने से रोका जा सकेगा।
अमेरिका ने बैटरी के साथ एंटी-मिसाइल डिफेंस सिस्टम को संचालित करने के लिए अपने लगभग 100 सैनिकों को तैनात करने की भी घोषणा की है।
- किसी भी बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए थाड को अमेरिका ने डिजाइन किया है। ये इजरायल की रक्षा प्रणाली के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है, जो उसके मौजूदा रक्षा बुनियादी ढांचे को और बेहतर कर देगा। इससे भविष्य में ईरान और हिजबुल्लाह के हमलों को भी रोकने में मदद मिलेगी ।
- अमेरिका की थाड मिसाइल प्रणाली मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को उड़ान भरने के शुरुआती दौर में ही नष्ट करने का काम करती है।
- ‘हिट टू किल’ तकनीक पर काम करने वाली ये प्रणाली सामने से आ रहे हथियार को रोकती नहीं बल्कि नष्ट कर देती है। इसकी मारक क्षमता दो सौ किलोमीटर की दूरी तक और 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक की है।
- डिफेंस सिस्टम के जरिए कोई भी मिसाइल को करीब 200 किलोमीटर की दूरी और 150 किलोमीटर की ऊंचाई पर ही खत्म किया जा सकता है।
- इस सिस्टम में मजबूत रडार सिस्टम आस-पास की मिसाइल को उसकी लांचिंग स्टेज में ही पकड़ लेता है और निशाने का शुरुआत में ही खात्मा कर देता है। इस सिस्टम के तहत एक बार में आठ एंटी मिसाइल दागी जा सकती हैं।
बैटरी में छह ट्रक-माउंटेड लॉन्चर होते हैं, जिसमें हर लॉन्चर में आठ इंटरसेप्टर, रडार और रेडियो उपकरण होते हैं। एक बार लॉन्चर के प्रयोग के बाद उसे फिर से लोड करने में लगभग 30 मिनट लगते हैं। एक बैटरी को चलाने के लिए 95 सैनिकों की आवश्यकता होती है।
बता दें कि हाल ही में हिजबुल्लाह पर इजरायल के हमले के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सैकड़ों मिसाइल हमले किए थे। इस हमलों को इजरायल का एंटी मिसाइल सिस्टम आयरन डॉम भी नहीं रोक पाया था। इसके बाद से अमेरिका ने इजरायल की मदद का एलान किया है।