भारत के नाम की उत्पत्ति सदियों पुरानी है और यह अपनी संस्कृति, सभ्यता और गौरवशाली इतिहास से जुड़ी हुई है। ‘भारत’ शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है — “जिसने ज्ञान की खोज की”। इसे राजा भरत के नाम पर भी जोड़ा जाता है, जो प्राचीन भारत के महान शासक थे। इसलिए इस देश को केवल एक भूमि नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान मिली, जो आज भी विश्व को प्रेरित करती है।
स्वतंत्रता से पहले जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था, तब देश की राजधानी दिल्ली नहीं, बल्कि कलकत्ता (कोलकाता) हुआ करती थी। 1772 से 1911 तक ब्रिटिश सरकार का मुख्य प्रशासनिक नियंत्रण कलकत्ता से चलता था। यहीं से भारत से जुड़ी नीतियां बनाई जाती थीं और यहीं से शासन तंत्र का संचालन होता था। यह तथ्य जानकर 7आज भी हर भारतीय गौरवान्वित महसूस करता है कि यह शहर देश की आजादी के संघर्ष में एक प्रमुख केंद्र रहा।
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आज, भारत न केवल अपनी प्राचीन संस्कृति के लिए बल्कि अपनी तेज़ी से बढ़ती विकास यात्रा के लिए भी विश्व में सम्मान पा रहा है। चाहे भाषा हो, विज्ञान हो, अध्यात्म हो या लोकतंत्र — हर क्षेत्र में भारत का योगदान अतुलनीय है। हमारे देश का नाम और उसका इतिहास हमें याद दिलाता है कि भारत केवल एक राष्ट्र नहीं, बल्कि एक महान सभ्यता है — जिसे अपने अतीत पर गर्व और भविष्य पर पूरा विश्वास है।








