अपना घर हर किसी का सपना होता है। इस सपने को पूरा करने के लिए लोग अपनी सारी बचत दांव पर लगा देते हैं। होम लोन भी लेते हैं। ऐसे में हर कोई अपने सपनों के घर की हिफाजत भी चाहता है। इसके लिए होम इंश्योरेंस काफी जरूरी होता है, जो किसी हादसे के वक्त आपके काम आता है।लेकिन, होम लोन लेते वक्त आपको खास ध्यान देना चाहिए कि इंश्योरेंस में कौन-सी चीजें कवर हैं और कौन-सी चीजें नहीं।
जनरल इंश्योरेंस कंपनियां आपके घर का इंश्योरेंस करती हैं। इसमें कई चीजें कवर होती हैं। जैसे कि बाढ़, तूफान या फिर आग से घर नुकसान होने पर उसकी भरपाई। लेकिन, घर का बीमा करवाते वक्त नियम एवं शर्तों को ठीक से देखना चाहिए। इसमें साफ लिखा होता है कि आपको किन मामलों में कवरेज मिलेगा और किन में नहीं।
अगर आपने घर का बीमा करा लिया और फिर उसे कमर्शियल यूज के लिए दे दिया, तो वह कमर्शियल प्रॉपर्टी हो जाएगी। इस स्थिति में आपकी होम इंश्योरेंस पॉलिसी उस प्रॉपर्टी को कवर नहीं करेगी। अगर आप घर को कमर्शियल यूज के लिए किराए पर देने का प्लान बना रहे हैं, तो उसका बीमा कराने का कोई फायदा नहीं।
अगर कोई सरकारी अथॉरिटीज घर ध्वस्त करने का आदेश देती है, तो भी होम इंश्योरेंस आपके किसी काम नहीं आएगा। सरकार कई बार अवैध निर्माण को गिराने का आदेश देती है। इससे बचने के लिए आपको घर खरीदने या बनवाने से पहले दस्तावेजों को बारीकी से चेक कर लेना चाहिए।
अगर निर्माण में खराबी के चलते किसी तरह का नुकसान होता है, तब भी बीमा कंपनी क्लेम रिजेक्ट कर सकती है। ऐसे में घर बनवाते समय आपको ध्यान देना चाहिए कि सभी मैटेरियल अच्छी क्वॉलिटी के हों। अगर ठेकेदार कोई खराब क्वॉलिटी का प्रोडक्ट लगा रहा है, तो उसे भी मना करना चाहिए।
होम इंश्योरेंस का प्रीमियम घर की कीमत, स्थान और दूसरे फैक्टर पर तय होता है। आमतौर पर, होम इंश्योरेंस का प्रीमियम घर की कीमत के हिसाब से 0.5 फीसदी से 2 फीसदी सालाना तक हो सकता है। हालांकि, होम इंश्योरेंस लेने से पहले फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह ले लेनी चाहिए।