त्योहारों का मौसम 2025: अक्टूबर – नवंबर का समय भारत के लिए सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि आर्थिक नजरिए से भी बेहद अहम होता है। नवरात्रि से लेकर दिवाली और छठ तक त्योहारों का लंबा मौसम बाजारों और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए सबसे बड़ी कमाई का समय साबित होता है। साल 2025 में भी इसका असर साफ तौर पर देखा जा रहा है।
बाजारों में रौनक
देशभर की मंडियों, मॉल्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है। कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, ज्वेलरी और गिफ्ट आइटम्स की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल कंज्यूमर स्पेंडिंग 15-20% तक बढ़ने की उम्मीद है।
ई-कॉमर्स कंपनियों की सेल
Flipkart, Amazon और Meesho जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों ने त्योहारी सेल लॉन्च की है। स्मार्टफोन, गैजेट्स और घरेलू सामानों पर भारी डिस्काउंट मिल रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस सीज़न में ऑनलाइन शॉपिंग का कारोबार 5 अरब डॉलर से अधिक तक पहुंच सकता है।
रोजगार और उत्पादन पर असर
त्योहारों के सीजन में मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की मांग बढ़ जाती है। छोटे कारोबारियों से लेकर बड़ी कंपनियों तक सभी को फायदा मिलता है। अस्थायी नौकरियों के जरिए लाखों युवाओं को काम मिलता है।
अर्थव्यवस्था को Boost
विशेषज्ञों का मानना है कि त्योहारों का मौसम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जीवनदायिनी ऑक्सीजन जैसा है। बढ़ती खपत से न केवल जीडीपी में इजाफा होता है, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट सेक्टर को भी मजबूती मिलती है।
निष्कर्ष
त्योहारों का मौसम सिर्फ खुशियों और उत्सव का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी सबसे मजबूत सहारा है। साल 2025 में यह ट्रेंड और भी बड़ा हो गया है, जो देश की आर्थिक प्रगति के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है।