संयुक्त राष्ट्र (UN) ने 2025 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.6% से घटाकर 6.3% कर दिया है। गुरुवार को जारी ‘2025 के मध्य तक विश्व आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं’ शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, वैश्विक मंदी के बावजूद, मजबूत निजी उपभोग और सरकारी खर्च के चलते सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (DESA) के वरिष्ठ अधिकारी इंगो पिटर्ले ने बताया कि भारत 2025 में 6.3% की वृद्धि दर के साथ मजबूत सार्वजनिक निवेश और उपभोग के बल पर शीर्ष स्थान बनाए रखेगा।
रिपोर्ट में वैश्विक अर्थव्यवस्था को अनिश्चित दौर बताया गया है, जहां बढ़ते व्यापार तनाव और नीति अनिश्चितताओं के कारण आर्थिक जोखिम बढ़े हैं। टैरिफ में वृद्धि, उत्पादन लागत में इजाफा, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बाधा और वित्तीय अस्थिरता इसके प्रमुख कारण हैं। हालांकि, इन सबके बीच भारत अपनी मजबूती बरकरार रखे हुए है।
जनवरी 2025 में जारी एक पूर्व रिपोर्ट में भारत की वृद्धि दर 6.6% अनुमानित थी, जो अब घटाकर 6.3% कर दी गई है। 2024 में भारत की वृद्धि दर 7.1% थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मजबूत निजी खपत, सार्वजनिक निवेश और सेवा निर्यात भारत की आर्थिक वृद्धि को आगे भी समर्थन देंगे। इसके अलावा, 2026 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान लगाया गया है।