Wheel Alignment : भारत की सड़कों पर रोजाना लाखों कारें दौड़ती हैं, और इन कारों का पूरा भार टायरों पर होता है। टायर न सिर्फ सड़क से संपर्क बनाए रखते हैं, बल्कि सुरक्षा और सफर की गुणवत्ता में भी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में यदि टायरों की देखभाल सही तरीके से न की जाए, तो न सिर्फ उनकी उम्र घटती है, बल्कि दुर्घटना का खतरा भी बढ़ जाता है। इसीलिए समय-समय पर व्हील अलाइनमेंट करवाना जरूरी हो जाता है।
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व्हील अलाइनमेंट क्यों है जरूरी?
जब कार सड़क पर चलती है, तो उसका पूरा वजन टायरों पर आ जाता है। यदि टायर सही दिशा में न घूमें या झुके हों, तो वाहन संतुलन खो सकता है। इससे टायर असमान रूप से घिसते हैं, जिससे टायर जल्दी खराब हो जाते हैं और कार का नियंत्रण भी बिगड़ सकता है। लंबे समय तक नजरअंदाज करने पर दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।
व्हील अलाइनमेंट के क्या हैं फायदे?
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टायर की उम्र बढ़ती है: समय पर अलाइनमेंट से टायर समान रूप से घिसते हैं, जिससे उनकी लाइफ लंबी होती है।
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बेहतर राइड क्वालिटी: कार चलते समय अगर वह एक ओर खिंचती हो या स्टेयरिंग में कंपन महसूस हो, तो अलाइनमेंट से ये समस्याएं दूर होती हैं।
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ईंधन की बचत: सही अलाइनमेंट से टायरों का रोलिंग रेसिस्टेंस कम होता है, जिससे माइलेज भी बेहतर होता है।
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कम मेंटेनेंस खर्च: अलाइनमेंट समय पर करवाने से टायर और सस्पेंशन सिस्टम दोनों की सेहत अच्छी रहती है।
इसलिए अगर आप अपनी कार की सेहत और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं, तो हर 5,000 से 10,000 किलोमीटर के बाद व्हील अलाइनमेंट जरूर कराएं।