आज गणेश चतुर्थी है। इस बार गणपति स्थापना पर सुमुख नाम का शुभ योग बन रहा है। ये गणेशजी का एक नाम भी है। इसके साथ पारिजात, बुधादित्य और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि इस चतुर्महा योग में गणपति स्थापना का शुभ फल और बढ़ जाएगा।
आज गणपति स्थापना और पूजा के लिए दिनभर में 3 शुभ मुहूर्त रहेंगे। मूर्ति स्थापना सूर्यास्त के पहले करने का विधान है। गणेश पुराण के मुताबिक गणपति का जन्म चतुर्थी तिथि और चित्रा नक्षत्र में मध्याह्न काल में हुआ था। ये शुभ काल सुबह 11.20 से शुरू हो रहा है।
ग्रंथों के मुताबिक वैसे तो गणेशजी के कई रूप हैं, लेकिन भादों के महीने में आने वाली इस गणेश चतुर्थी पर सिद्धि विनायक रूप में गणेशजी को पूजने का विधान है। गणेशजी के इस रूप की पूजा भगवान विष्णु ने की और ये नाम भी दिया।
- चौकी पर स्वस्तिक बनाकर एक चुटकी चावल रखें।
- उस पर मौली लपेटी हुई सुपारी रखें। इन सुपारी गणेश की पूजा करें।
- इतना भी न हो पाए तो श्रद्धा से सिर्फ मोदक और दूर्वा चढ़ाकर प्रणाम करने से भी भगवान की कृपा मिलती है।