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Friday, November 22, 2024

हैदराबाद में पेशेंट ने महिला डॉक्टर से हाथापाई की:हाथ पकड़कर घसीटा, एप्रन फाड़ा; पुलिस बोली- आरोपी को दौरे आ रहे

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हैदराबाद में सिकंदराबाद के गांधी हॉस्पिटल में बुधवार (11 सितंबर) को एक पेशेंट ने महिला डॉक्टर के साथ हाथापाई की। उसे हाथ पकड़कर घसीटा और एप्रन भी फाड़ दिया।

इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि जूनियर डॉक्टर जैसे ही काउंटर पर खड़ी होती हैं, मरीज पीछे से आता है और डॉक्टर का हाथ पकड़कर घसीट लेता है। फिर उनका एप्रन खींचता है।

इस दौरान बीच-बचाव करने आए एक अन्य पेशेंट को भी धक्का दे देता है। स्टॉफ के आने पर महिला को बचाया गया। स्टॉफ के कुछ लोगों ने पेशेंट को थप्पड़ भी मारे, तब जाकर उसने महिला डॉक्टर को छोड़ा।

पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। इंस्पेक्टर ए अनुदीप ने मीडिया को बताया कि आरोपी मुशीराबाद का रहने वाला है। उसको दौरे पड़ रहे हैं। उसे पुलिस स्टेशन लाने के बाद भी उसे दौरे पड़ते रहे।

CCTV फुटेज के मुताबिक, पेशेंट काफी देर से डॉक्टर का इंतजार कर रहा था। आते ही उन पर अटैक कर दिया।
CCTV फुटेज के मुताबिक, पेशेंट काफी देर से डॉक्टर का इंतजार कर रहा था। आते ही उन पर अटैक कर दिया।
स्टॉफ ने डॉक्टर को बचाया। उसके बाद आसपास के लोग आरोपी को पीटने लगे।
स्टॉफ ने डॉक्टर को बचाया। उसके बाद आसपास के लोग आरोपी को पीटने लगे।

 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के बाद देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा गंभीर मुद्दा बना है। 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई भी हुई थी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की।  ने कहा था- व्यवस्था में सुधार के लिए हम और एक रेप का इंतजार नहीं कर सकते।

डॉक्टर्स की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक टास्क फोर्स भी बनाई है। इसमें 9 डॉक्टर्स को शामिल किया गया है, जो मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा, वर्किंग कंडीशन और उनकी बेहतरी के उपायों की सिफारिश करेगी। टास्क फोर्स में केंद्र सरकार के पांच अधिकारी भी शामिल किए गए हैं।

इस बीच, कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के प्रदर्शन का गुरुवार को 33वां दिन है। डॉक्टर्स पिछले तीन दिन से स्वास्थ्य भवन के बाहर धरने पर बैठे हैं। वे कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटाने सहित 5 मांगों पर अड़े हैं।

प्रदर्शन में शामिल जूनियर डॉक्टर डॉ. अर्नब मुखोपाध्याय ने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार (11 सितंबर) को कहा कि वे हताश हैं। वे AC रूम में बैठे-बैठे हताश हो रही हैं। हम यहां सड़कों पर हैं। मीटिंग के लिए हमारी शर्तें गलत नहीं हैं।’

दरअसल, डॉक्टर्स 11 सितंबर को बंगाल सरकार से बातचीत के लिए तैयार हो गए थे। उन्होंने मीटिंग के लिए 4 शर्तें रखीं। हालांकि, सरकार ने शर्तें खारिज कर दीं। स्वास्थ्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि हम डॉक्टरों की बात सुनने को तैयार हैं, लेकिन वे इसके लिए शर्तें तय नहीं कर सकते।पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर की घटना के 23 दिन बाद 2 अस्पतालों में छेड़छाड़ की 2 घटनाएं सामने आई थीं। पहला मामला बीरभूम के सरकारी अस्पताल का है, जहां एक मरीज ने सलाइन ड्रिप लगा रही नर्स को गलत तरीके से छुआ। पुलिस शिकायत के बाद आरोपी को अरेस्ट कर लिया है।

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