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प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई:कोर्ट ने कहा- सेक्स स्कैंडल का मामला खुली अदालत में नहीं सुन सकते, इसे इन-कैमरा सुनेंगे

सेक्स स्कैंडल में फंसे कर्नाटक के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका पर आज (12 सितंबर) को कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। मंगलवार (9 सितंबर) को हाईकोर्ट ने कहा था प्रज्वल रेवन्ना की तरफ से दाखिल की गई जमानत याचिकाओं पर इन-कैमरा सुनवाई की जाएगी।

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जस्टिस एम नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने कहा कि इस मामले को खुली अदालत में नहीं सुना जा सकता। हम नहीं चाहते कि किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचे। दरअसल, पब्लिक प्रॉसिक्यूटर प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने कोर्ट से अपील की थी कि पीड़ित की पहचान सुरक्षित रखने के लिए मामले की इन-कैमरा सुनवाई की जाए।

फिलहाल रेवन्ना परप्पना अग्रहारा जेल में न्यायिक हिरासत में है और SIT टीम उसके खिलाफ चार अलग-अलग मामलों की जांच कर रही है। उसके खिलाफ होलेनरसीपुरा टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के आधार पर SIT ने उसे 31 मई को बेंगलुरु हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था। अगले दिन उसे हिरासत में भेज दिया गया।

प्रज्वल ने 2024 में हासन से NDA उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गया था।
प्रज्वल ने 2024 में हासन से उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें वह हार गया था।

 वहीं बेंगलुरु पुलिस ने 9 सितंबर को स्पेशल कोर्ट में प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ चौथे केस में 1,652 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस के मुताबिक, यह चार्जशीट 12 जून को बेंगलुरु के CID साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी।

इस चार्जशीट में रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न, पीछा करने, धमकी देने और IT कानून के तहत प्राइवेसी के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता एक महिला है, जिसे कथित तौर पर वीडियो कॉल के माध्यम से यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया गया था।

पुलिस ने बताया कि हमने 113 गवाहों की जांच की और के सेक्शन 161 के तहत उनके बयान दर्ज किए गए। विक्टिम और प्रमुख गवाह का बयान के सेक्शन 164 के तहत दर्ज किया गया। सभी फिजिकल, साइंटिफिक, मोबाइल, डिजिटल और बाकी सबूतोंजांच की और के सेक्शन 161 के तहत उनके बयान दर्ज किए गए। विक्टिम और प्रमुख गवाह का बयान  के से को जमा करके फॉरेंसिक लैब भेजा गया था। वहां से जवाब आने के बाद हमने 1,652 पेज की चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में जमा कराई।

 प्रज्वल रेवन्ना पर उनके घर में काम करने वाली महिला ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। 26 अप्रैल को बेंगलुरु में पब्लिक प्लेसेस में कई पेन ड्राइव मिलीं। दावा किया गया कि पेन ड्राइव में 3 हजार से 5 हजार वीडियो हैं, जिनमें प्रज्वल को कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते देखा गया। महिलाओं के चेहरे भी ब्लर नहीं किए गए।

मामला बढ़ने पर राज्य सरकार ने SIT बनाई। प्रज्वल के खिलाफ रेप, छेड़छाड़, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने के आरोपों समेत तीन FIR दर्ज की गईं। SIT ने जांच में खुलासा किया कि प्रज्वल ने 50 से ज्यादा महिलाओं का सेक्शुअल हैरेसमेंट किया था। इनमें 22 साल से 61 साल तक की महिलाएं हैं।

50 में से करीब 12 महिलाओं से जबर्दस्ती संबंध बनाए गए, यानी उनका रेप हुआ। बाकी महिलाओं को अलग-अलग तरह का लालच देकर सेक्शुअल फेवर लिया। प्रज्वल ने किसी को सब-इंस्पेक्टर, किसी को तहसीलदार तो किसी को फूड डिपार्टमेंट में नौकरी दिलवा दी।

  • बेंगलुरु के एक सीनियर जर्नलिस्ट बताते हैं कि जिन तीन महिलाओं ने FIR दर्ज करवाई है, उनमें से दो को धमकी मिली है। एक महिला को सरकारी स्कीम से घर मिला है, उसे कहा जा रहा है कि तुम्हारा घर वापस ले लिया जाएगा।
  • प्रज्वल ने इस बार हासन सीट से चुनाव लड़ा था। 26 अप्रैल को हासन में वोटिंग के अगले दिन ही वो देश से भाग गया। प्रज्वल को वापस लाने के लिए SIT ने इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन इंटरपोल की भी मदद ली थी।
  • 7 मई को प्रज्वल के खिलाफ इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया। ये नोटिस जारी होने से प्रज्वल की लोकेशन से जुड़ी इन्फॉर्मेशन SIT को मिलने लगी। वो किस होटल में रुका, कौन सा रूम बुक किया, किस ATM का यूज किया, ऐसी तमाम डिटेल्स टीम को मिलने लगी। SIT ने कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट भी जारी करवा दिया।
  • प्रज्वल 31 मई को जर्मनी से भारत लौटा था। बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरते ही उसे SIT ने अरेस्ट कर लिया था। तभी से वो न्यायिक हिरासत है।

 प्रज्वल मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया भी जा चुके हैं। वह पिछले करीब एक दशक से जेडीएस के साथ हैं। रेवन्ना ने 2019 में हासन से लोकसभा का चुनाव भी जीता था। हालांकि 2024 लोकसभा चुनाव में वह हासन सीट से हार गए थे। वे  के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। भाजपा ने उन्हें समर्थन दिया था।

  • इस मामले की रिपोर्टिंग के लिए दैनिक भास्कर की टीम 6 मई को हासन पहुंची थी। तीन दिन की पड़ताल में पता चला था कि जिन महिलाओं के वीडियो वायरल हुए हैं, वो घरों से गायब हैं। हम एक पीड़ित के घर पर भी पहुंचे थे।
  • परिवार ने कहा कि वे पशुपतिनाथ के दर्शन करने नेपाल गई हैं। उन्होंने वीडियो वायरल होने से भी इनकार कर दिया। कहा कि ऐसा कोई मामला नहीं है। वहीं, पड़ोसियों ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद से ही महिला गायब है।
  • पड़ताल में ये भी पता चला था कि प्रज्वल ने पुलिस, डॉक्टर, JD(S) वर्कर्स से लेकर घर में काम करने वाली मेड तक का यौन उत्पीड़न कर वीडियो बनाए थे।
  • कर्नाटक हाईकोर्ट में एडवोकेट सुनील कुमार बताते हैं, ‘ये सब 2019 से पहले से चल रहा था। प्रज्वल के पास जो भी महिलाएं पहुंचती थीं, वो लालच देकर या डराकर उन्हें शिकार बनाता था। प्रज्वल इन महिलाओं को पैसे भी देता था। यौन उत्पीड़न के दौरान खुद वीडियो शूट करता था और फिर उसके जरिए महिलाओं को ब्लैकमेल करता था। किसी को कुछ बताने पर वीडियो घरवालों को दिखाने की धमकी देता था।’

 26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण से पहले, सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में अश्लील वीडियो सामने आए, जिनमें कथित तौर पर प्रज्वल द्वारा कई महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया।इसके बाद, कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने जांच की मांग की और कांग्रेस सरकार को पत्र लिखा, जिसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए।

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