आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र की शुरुआत होती है। इस बार शारदीय नवरात्र की शुरुआत 03 अक्टूबर से होगी। वहीं इस पर्व का समापन 11 अक्टूबर को होगा। इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने का विधान है। इस लेख में आप आपको बताएंगे कि शारदीय नवरात्र में जौ बोने से संबंधित बातों के बारे में।
- नवरात्र का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है।
- नवरात्र के पहले दिन जौ बोए जाते हैं।
- घटस्थापना भी शुभ मुहूर्त में की जाती है।
सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र के पर्व को अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर के लिए मां दुर्गा के मंदिरों को सुंदर तरीके से सजाया जाता है। इस दौरान मंदिरों में खास रौनक देखने को मिलती है। शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है। साथ ही मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना कर जौ बोए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से जातक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। क्या आप जानते हैं कि नवरात्र के प्रथम दिन जौ क्यों बोए जाते हैं। अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं कैसे हुई इस परंपरा की शुरुआत