रायपुर : छत्तीसगढ़ में गुरुवार से धान खरीदी उत्सव शुरू हो रहा है। 31 जनवरी तक चलने वाले इस उत्सव में खास बात यह है कि किसानों के खाते में इस वर्ष प्रदेश के कुल बजट का करीब 23 प्रतिशत से भी ज्यादा राशि पहुंचेगी। राज्य शासन ने इस वर्ष किसानों से कुल 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है, जो वर्ष 2023 की तुलना में 16 लाख मीट्रिक टन ज्यादा है। 16 लाख मीट्रिक टन ज्यादा खरीदी के साथ ही करीब तीन हजार रुपये किसानों को ज्यादा दिए जाएंगे।
पिछले वर्ष करीब 25 लाख किसानों के खाते में 30 हजार करोड़ रुपये की राशि पहुंची थी। खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत किसानों की संख्या 27,01,109 है। इस वर्ष 1,35,891 नए किसान पंजीकृत हुए हैं, जिससे 1,36,263 हेक्टेयर नवीन रकबों का पंजीयन किया गया है।
कुल 34,51,729 हेक्टेयर रकबे में पंजीयन अनुसार धान खरीदी का अनुमान है। सभी उपार्जन केंद्रों में बायोमैट्रिक डिवाइस के माध्यम से खरीदी की जाएगी। किसानों के खाते में करीब 32 हजार करोड़ रुपये पहुंचेंगे। वित्तीय वर्ष 2024-25 में (ऋण चुकाने को छोड़कर) 1,47,440 करोड़ का बजट अनुमानित है।
बजट में क्षेत्रवार खर्च (अनुमानित)
वित्तीय वर्ष 2024-25 में वेतन में कुल बजट का 15 प्रतिशत यानि 34,956 करोड़ खर्च अनुमानित है। इसके साथ ही पेंशन में बजट का चार प्रतिशत यानि 7,737 करोड़, ब्याज भुगतान में 13 प्रतिशत यानि 7,931 करोड़ तथा कुल प्रतिबद्ध व्यय भी 13 प्रतिशत है। वहीं क्षेत्रवार खर्च में कृषि व संबद्ध गतिविधि के लिए 10,000 करोड़, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण के लिए 1,820 करोड़, आवास के लिए 4,283 करोड़, ऊर्जा के लिए 3,500 करोड़ आवंटित है।
धान खरीदी की तैयारियां पूरी
राज्य शासन ने धान खरीदी को लेकर सारी तैयारियां पूर्ण कर ली है। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि इसमें लघु व सीमांत किसानों को अधिकतम दो टोकन व बड़े किसानों को तीन टोकन की पात्रता होगी। इसके साथ ही खरीदी में पारदर्शिता लाने के लिए इलेक्ट्रानिक कांटा-बाट से ही तौल की जाएगी। राज्य शासन ने शिकायत व निवारण के लिए हेल्प लाइन नंबर 0771-2425463 भी जारी किया है। प्रदेश में 2,739 उपार्जन केंद्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होगी।