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Thursday, November 21, 2024

गौतम अडाणी नये मुसीबत में फंसे, अमेरिका में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए दिए 2236 करोड़ की रिश्वत

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अमेरिका ,भारत के सबसे अमीर अरबपति बिजनेसमैन गौतम अडाणी नये मुसीबत में फंस गए हैं। गौतम अडानी पर अमेरिका में लगा बड़ा आरोप लगता है। अडानी पर अमेरिका (USA) में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने और इसे छिपाने का आरोप लगा है। न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में हुई सुनवाई में गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों डॉलर की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं। यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है।

अडाणी के अलावा शामिल 7 अन्य लोग सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल हैं। अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए अमेरिकी, विदेशी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला।सागर और विनीत अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं। सागर, गौतम अडाणी के भतीजे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपए) की रिश्वत देने का वादा किया था।

अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने बुधवार को इस मामले में गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारियों समेत एक अन्य फर्म एज्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल काबेनेस के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर के साथ ही 7 सात अन्य प्रतिवादियों ने अपनी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी।

ऐसा दावा किया गया कि ये पूरा मामला अरबों डॉलर के मुनाफे से जुड़ा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि इस कॉन्ट्रेक्ट के जरिए अडानी ग्रुप को 20 सालों में करीब 2 अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा होने की उम्मीद थी। अधिकारियों को ये रिश्वत 2020 से 2024 के बीच दिए जाने का आरोप लगाया गया है। इसके साथ ही ये आरोप भी लगाया गया है कि इस मुनाफे के लिए अमेरिका समेत अन्य देशों के निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला गया। अभियोजकों ने यह दावा भी किया है कि अडानी ग्रीन एनर्जी के एक अन्य कार्यकारी, पूर्व सीईओ विनीत जैन ने कर्जदाताओं और इन्वेस्टर्स से अपने भ्रष्टाचार को छिपाकर 3 अरब डॉलर से अधिक का लोन और बांड जुटाए थे. बता दें कि विनीत जैन 2020 से 2023 तक कंपनी के CEO थे।

  • 2020 से 2024 के बीच अडाणी समेत सभी आरोपी भारत सरकार के सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने को तैयार हुए। इस प्रोजेक्ट से 20 साल में 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा मुनाफे का अनुमान था।
  • अडाणी ने स्कीम आगे बढ़ाने के लिए एक भारतीय सरकारी अधिकारी से मुलाकात की। सागर और विनीत ने स्कीम पर काम करने के लिए कई मीटिंग रखीं।
  • कोर्ट में कहा गया कि साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा ​​और रूपेश अग्रवाल ने ब्राइबरी (रिश्वत) स्कीम में ग्रैंड ज्यूरी, FBI और US सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की जांच रोकने की साजिश रची। इन चारों ने स्कीम से जुड़े ईमेल, मैसेज और एनालिसिस भी मिटाए।
  • अडाणी ग्रीन एनर्जी ने कॉन्ट्रैक्ट के तहत फंड देने के लिए अमेरिकी इन्वेस्टर्स और अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से कुल 3 बिलियन डॉलर रकम जुटाई।
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