सरकार ने बजट 2025 में मिडिल क्लास के लिए कई एलान और वादे किए हैं। इसमें सबसे खास 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री करना है। अब सरकार जल्द नौकरीपेशा मिडिल क्लास को एक और तोहफा दे सकती है, जो प्रोविडेंट फंड (PF) की ब्याज दर में बढ़ोतरी की शक्ल में होगा।
EPFO की बोर्ड मीटिंग में होगा फैसला
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के केंद्रीय बोर्ड ट्रस्टी की मीटिंग 28 फरवरी को होने वाली है। इसमें 2024-25 के लिए पीएफ पर ब्याज दर बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। इस मीटिंग की अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री करेंगे। इसमें इम्प्लॉयर एसोसिएशन और ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि भी हिस्सा होंगे। हालांकि, अभी तक बैठक का आधिकारिक एजेंडा अभी तक नहीं जारी किया गया है।
पीएफ की ब्याज दर में क्यों हो सकता है इजाफा?
सरकार का पूरा ध्यान फिलहाल इकोनॉमी को रिवाइव करने पर है, जिसके लिए मांग और खपत बढ़ाना जरूरी है। यही वजह है कि सरकार सिलसिलेवार उपायों के जरिए मिडिल क्लास को राहत दे रही है। इनकम टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाने के बाद अब सरकार पीएफ की ब्याज दर बढ़ाने पर विचार कर सकती है। इससे मिडिल क्लास कर्मचारियों की पीएफ बचत पर ज्यादा कमाई होगी, तो वो दूसरे खर्च बढ़ा सकते हैं।
अभी पीएफ पर कितना है ब्याज?
सरकार दो साल से लगातार ब्याज बढ़ा रही है। ऐसे में पीएफ खाताधारकों को उम्मीद है कि इस बार भी ब्याज दरों में इजाफा हो सकता है। सरकार ने 2022-23 में पीएफ का इंट्रेस्ट रेट बढ़ाकर 8.15 फीसदी किया था। फिर इसे 2023-24 में 8.25 फीसदी किया गया। तब से पीएफ पर यही ब्याज दर मिल रही है, जिसे अब सरकार बढ़ाने पर विचार कर सकती है।
EPFO कितना बढ़ा सकता है ब्याज?
बैंकों के मौजूदा बेस रेट को देखते हुए पीएफ की ब्याज दरों में बहुत ज्यादा इजाफे की गुंजाइश नहीं है। ऐसे में सरकार पिछली बार की तरह 0.10 फीसदी का इजाफा कर सकती है। देश में EPFO के पास सात करोड़ से अधिक लोगों का खाता है। इसमें लगातार नए मेंबर जुड़ रहे हैं। ईपीएफओ के पेंशन फंड में पैसे जमा करने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।