देश की दिग्गज फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने अपना नाम बदलने का फैसला किया है। जोमैटो की बोर्ड मीटिंग में नाम बदलने के फैसले पर मुहर लग गई है। जोमैटौ अब इटरनल नाम से जानी जाएगी। कंपनी ने बीएसई को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है।
जोमैटो ने क्यों बदला नाम?
जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल का कहना है कि वे लोग कंपनी के लिए इटरनल शब्द का इस्तेमाल काफी पहले से कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘जब हमने ब्लिंकिट को खरीदा, तभी हम पैरेंट कंपनी को जोमैटो की जगह इटरनल कहने लगे। इसका मकसद कंपनी और ब्रांड/ऐप के बीच अंतर करना है।’
जोमैटो के फाउंडर ने हमने उस वक्त ये भी सोचा था कि अगर जोमैटो के अलावा हमारा कोई और प्रोडक्ट हमारे भविष्य के लिए अहम हो जाता है, तो हम सार्वजनिक तौर कंपनी का नाम इटरनल कर देंगे। अब ब्लिंकिट कामयाबी ने हमें उस मुकाम पर पहुंचा दिया है। हम जोमैटो लिमिटेड, कंपनी (ब्रांड और ऐप नहीं) का नाम बदलकर इटरनल कर रहे हैं।’
इटरनल नाम रखने की वजह
उन्होंने कहा, ‘इटरनल एक शक्तिशाली नाम है। और ईमानदारी से कहूं, तो यह मुझे अंदर तक डराता है। इस पर खरा उतरना काफी मुश्किल काम होगा। क्योंकि ‘इटरनल’ एक वादा और विरोधाभास दोनों को समेटे हुए है।’ उन्होंने कहा, “यह सिर्फ नाम बदलना नहीं है; यह एक मिशन स्टेटमेंट है। यह नाम अब हमारी पहचान का हिस्सा है, जो हमेशा हमारे मकसद की याद दिलाता रहेगा।”
शेयर मार्केट में क्या होगा कंपनी का नाम?
जोमैटो के नाम बदलने का असली असर मार्केट में दिखेगा। वहां कंपनी का नाम जोमैटो से बदलकर इटरनल हो जाएगा। यह जोमैटो समेत कंपनी की सारी सब्सिडियरी का यहां प्रतिनिधित्व करेगी। अभी तक जोमैटो के पास चार बड़े बिजनेस हैं। इनमें पहला खुद फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो है। दूसरा क्विक कॉमर्स ब्लिंकिट है, जो ग्रॉसरी और दूसरे जरूरी सामानों की डिलीवरी करता है।
इसका District प्लेटफॉर्म मूवी और इवेंट का टिकट करने के काम आता है। वहीं, Hyperpure प्लेटफॉर्म रेस्टोरेंट के लिए सब्जियों और किराने की सामान की थोक भाव पर सप्लाई करता है। जोमैटो का शेयर आज 0.53 फीसदी बढ़कर 229.90 रुपये पर बंद हुआ। पिछले एक साल में कंपनी ने करीब 65 फीसदी का रिटर्न दिया है।